ज़रदारी की दुआएं कुबूल नहीं होंगी, ठाकरे का तंज़ ( ताना)

अजमेर की दरगाह ख़्वाजा मैन अलुद्दीन चिशती ( र०)को आसिफ़ अली ज़रदारी के सफ़र ज़ियारत से क़ब्ल शिवसेना सरबराह बाल ठाकरे ने आज सदर-ए-पाकिस्तान पर तंज़ किया कि किस तरह ऐसे लोगों की दुआएं कुबूल हो सकती हैं जो हिंदूस्तान पर निगाह बद डालते हैं।

ज़रदारी जो पहले ही करप्शन इल्ज़ामात पर हुकूमत और अदलिया के दरमियान जारी कशीदा तात्तुल का मर्कज़ बने हुए हैं , ठाकरे ने उन्हें याददहानी करानी चाही कि इनके पेशरू जनरल परवेज़ मुशर्रफ़ ख़्वाजा-ए-अजमेरी की दरगाह पर हाज़िरी के बाद इक़्तेदार से महरूम हो गए थे । ठाकरे ने पार्टी तर्जुमान सामना के ईदारिया में कहा कि ये दरगाह हिंदूस्तान में वाक़्य है।

किस तरह इन लोगों की दाएं कुबूल हो सकती हैं जो हमारे मुल्क पर निगाह बद डालते हैं । ठाकरे ने कहा कि ज़रदारी का मक़सद दोनों मुल्कों के दरमियान ताल्लुक़ात को बेहतर बनाना या हिंदूस्तानी सरज़मीन पर पाकिस्तान की सरपरस्ती वाली दहश्तगर्दी को रोकना नहीं है।