नई दिल्ली
नए सदर नशीन प्रेस काउंसिल आफ़ इंडिया चन्द्र अमोली कुमार प्रसाद का बयान
ज़ेर-ए-कंट्रोल ज़राए इब्लाग़ की बनिसबत ग़ैर ज़िम्मेदार ज़राए इब्लाग़ बेहतर हैं। नए सदर नशीन प्रेस काउंसिल आफ़ इंडिया चन्द्र अमोली कुमार प्रसाद ने आज कहा कि आज़ाद ई सहाफ़त का तहफ़्फ़ुज़ उनकी अव्वलीन तर्जीह होगा। उन्होंने आज सदर नशीन प्रेस काउंसिल आफ़ इंडिया के ओहदा का जायज़ा हासिल किया है।
इनका कहना है कि उनके शख़्सी नुक़्ता-ए-नज़र से अवाम इतने ज़हीन हैं कि ज़राए इब्लाग़ की ग़ैर ज़िम्मेदाराना कार्यवाईयों की जांच करसकते हैं। लेकिन अगर ज़राए इब्लाग़ पर कंट्रोल रखा जाये तो ख़ुद जम्हूरियत बरक़रार नहीं रख सकती। उन्होंने कहा कि दरहक़ीक़त ख़ुद एहतेसाबी बेहतरीन काम है।
उनके अपने शख़्सी नुक़्ता-ए-नज़र से ग़ैर ज़िम्मेदार ज़राए इब्लाग़ ज़ेर-ए-कंट्रोल ज़राए इब्लाग़ की बनिसबत बेहतर होते हैं। क्योंकि लोग ख़ुद उनकी जांच करलेते हैं। वो काफ़ी ज़हीन हैं और हक़ीक़त का अंदाज़ा लगा लेते हैं। चाहे ज़राए इब्लाग़ पर कितना ही कंट्रोल किया जाये।
ज़ेर-ए-कंट्रोल ज़राए इब्लाग़ की सूरत में जम्हूरियत की बक़ा भी नामुमकिन है। ताहम उन्होंने वज़ाहत की कि वो अपने शख़्सी नज़रियात पेश कररहे हैं और ज़रूरी नहीं कि प्रेस काउंसिल के नज़रियात भी यही हो जो हमेशा इजतिमाई तौर पर फ़ैसले करती है। नए सदर नशीन ने कहा कि ये एक इन्फ़िरादी नुक्ता-ए-नज़र है और प्रेस काउंसिल एक कसीर रुकनी इदारा है।
उन्होंने कहा कि प्रेस काउंसल में लोगों की कसीर तादाद काफ़ी क़ाबिल है और उनके नक़ात नज़र वज़न भी रखते हैं। उन्होंने कहा कि आज़ादी सहाफ़त के बगै़र आप कुछ भी नहीं जान सकते। इनका बुनियादी उसूल सहाफ़त की आज़ादी होगा। प्रसाद जस्टिस मारकंडे काटजू के जांनशीन हैं जो बहैसियत जज सुप्रीम कोर्ट 14 जुलाई 2014 को ओहदे से सुबुक़दोश हुए थे उन्हें प्रेस काउंसिल आफ़ इंडिया का सदर नशीन मुक़र्रर किया गया था।
क़ब्लअज़ीं नायब सदर मुहम्मद हामिद अंसारी, स्पीकर लोक सभा सुमित्रा महाजन और प्रेस काउंसिल के नामज़द रुकन बराए कमेटी एस एन सिन्हा पर मुश्तमिल एक कमेटी नामज़द की गई थी। प्रसाद को 8 फरवरी 2010 को सुप्रीम कोर्ट के जज के ओहदे पर तरक़्क़ी दी गई थी और वो मुख़्तलिफ़ हाइकोर्टस में नवंबर 1994 से जज या चीफ़ जस्टिस के ओहदे पर फ़ाइज़ रह चुके हैं। उन के दफ़्तर से जारी करदा एक बयान में कहा गया है कि काउंसिल आज़ाद ई सहाफ़त के तहफ़्फ़ुज़ की तमाम तर कोशिशें करेगी और दस्तूरी उसूलों की रहनुमाई में एसी जद्द-ओ-जहद की जाएगी|