तीन दिनों से ज़लज़ले की तबाही-दहशत झेल रहे बिहार में चौथे दिन आंधी-बारिश की शक्ल में आफत आई। इस आफत की वजह से रियासत भर में 15 लोगों की मौत हो गई। सैकड़ों घर फिर गिर गए। राहत की बात यही रही कि मंगल को ज़मीन नहीं डोली। रियासती हुकूमत ने इसी वजह से बुध से स्कूलों को खोलने की हुक्म दे दिया है। बिहार और नेपाल के ज़लज़ले से मुतासीरों का हाल जानने वजीरे आला नीतीश कुमार रक्सौल बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। वहीं से मरकज़ और रियासती हुक्मरानों के नुमाइंदे काठमांडू में चल रहे राहत काम पर नजर रख रहे हैं।
पटना समेत रियासत के कई जिलों में मंगल को आंधी-पानी ने तबाही मचाई। मिनटों में पंद्रह जान चली गई। आठ को तो ठनके ने ही ठंडा कर दिया। वैसे रियासती हुकूमत ने तीन लोगों के मरने की तसदीक़ की है। ठनका से लखीसराय में 3, मुजफ्फरपुर में 2, मोतिहारी, मुंगेर और बेगूसराय में 1-1 की जान चली गई। बेतिया, गया, नालंदा और वैशाली में दीवार गिरने से एक-एक की मौत हो गई।
गोपालगंज में आंधी के दौरान हार्ट अटैक से एक खातून की मौत हो गई। रोहतास में तूफान के दौरान आग लगने से मां-बेटा झुलसे। मां की जान चली गई। भोजपुर के कोइलवर में पेड़ गिरने से एक अफराद की मौत हो गई। हालांकि आफत इंतेजामिया महकमा के मुताबिक तीन ही मौतें हुईं। पेड़ और दीवार गिरने से मुजफ्फरपुर में 2 और मुंगेर में एक की मौत हुई है। मौसम महकमा के मुताबिक आंधी के दौरान हवा की रफ्तार 72 किमी / घंटा थी। कई जगह दरख्त उखड़ गए। बिजली सप्लाय भी ठप पड़ गई। दारुल हुकूमत की कई सड़कों पर पानी का जमाव भी हो गया।
पटना में आंधी दोपहर करीब 1 बजे आई। पौन घंटे तक तेज हवाएं चलती रहीं।बारिश भी हुई। कहीं कम तो कहीं ज्यादा। फसलों को भारी नुकसान हुआ है। खासकर आम और लीची को। मौसम साइंस सेंटर के डाइरेक्टर एके सेन ने बताया कि मौसम में ऐसा बदलाव लोकल थंडरस्टॉर्म की वजह से हुआ है। चपेट में पटना समेत पटना के मगरीबी और मशरिकी जिले आए।