देश के पहले मुस्लिम राष्ट्रपति और तीसरे राष्ट्रपति के बतौर पूरे मुल्क में सम्मान की नज़र से देखे जाने वाले डॉ ज़ाकिर हुसैन ने राष्ट्रपति बनने से पहले भी देश को ऐसे मौकों पर सहारा दिया जबकि स्थिति चिंताजनक थी. जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के फाउंडर मेम्बर रहे ज़ाकिर हुसैन ने आज़ादी के बाद एक अजीब-ओ-ग़रीब दौर से गुज़र रही अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को संभाला था.
भारत की आज़ादी के बाद अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उप-कुलपति का पद संभालने को ज़ाकिर हुसैन राज़ी हो गए. असल में अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को उस ज़माने में मुस्लिम लीग की गतिविधियों का केंद्र माना जाता रहा था और पाकिस्तान मूवमेंट भी AMU में ही सक्रिय रहा.
इन्हीं सब वजहों से अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को फिर से एक ढर्रे पर लाना मुश्किल था और ये काम शायद ही ज़ाकिर के इलावा कोई कर सकता था.