भोपाल: भारत में अब तक जारी जाति व्यवस्था पर नाराज़गी जताते हुए केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा है कि यह अजीब बात है कि मंदिरों और बाओलियों तक अब भी उन लोगों का उपयोग नहीं जो खुद उनके निर्माण में भाग लेते हैं।
मंत्री सामाजिक न्याय और खुद वैकल्पिक गहलोत ने आज समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में कहा कि अभी भी ऐसी सूचना मिलती है कि देश में कहीं कहीं इस तरह की घटनाए पेश आती हैं और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उसे दोहराया नहीं जाए।
उन्हों ने कहा कि जब कभी कोई तालाब या कंटा बनाने की ज़रूरत पड़ती है तो आप वर्कर्स से काम लेते हैं जो पसीना बहा कर काम करते हैं लेकिन इसके बाद उन्हें वहां आने जाने की अनुमति नहीं दी जाती।