ज़िंदगी बचाने वाले मरीज़ों को छोड़कर फ़रार

कोलकता, १० दिसम्बर: ( पी टी आई) कोलकता के सैंटर्ल एयर कंडीश्निंग 7 मंज़िला ख़ानगी दवाख़ाना में आज मुहीब आग भड़क उठी जिस में तक़रीबन 73 मरीज़ हलाक हो गई।

जुनूबी कोलकता के धकॊरिया इलाक़ा में वाक़्य 190 बिस्तर वाले ए ऐम आर आई दवाख़ाना में सुबह के तक़रीबन 3:30 बजे आग भड़क उठी। आग को देख कर मुक़ामी अफ़राद बाब अलद अखिला पहुंचे लेकिन सिक्यॊरिटी गार्ड वहां से ग़ायब हो गए जिस के नतीजा में ये आग तेज़ी से दूसरे इलाक़ा में पहुंच गई।

मग़रिबी बंगाल के वज़ीर शहरी तरक़्क़ी फर्हद हकीम ने बताया कि दवाख़ाना शोला पोश हो गया और कशीब धुवाँ फैल जाने से कई मरीज़ दम घुटने के बाइस फ़ौत हो गई। आतिश फ़िरौ अमला दवाख़ाना की खिड़कियों के शीशे तोड़कर इमारत में दाख़िल हुआ और आई सी यू, आई सी सी यू, इनटॆनसिव् थरापी यूनिट और करीटकल केर यूनिट के अंदर फंसे हुए मरीज़ों को बाहर निकाला।

आतिश फ़िरौ हमला ने मरीज़ों को बालाई मंज़िलों से खिड़कियों के ज़रीया बाहर निकाला क्यों कि इन की हालत सीढ़ीयों के ज़रीया लाने जैसी नहीं थी। इमारत के अतराफ़ आग बुझाने वाली गाड़ीयों को रखा गया था।

ऐडीशनल डायरैक्टर जनरल फ़ायर सरविसेस डी बिस्वास ने कहा कि फ़ायर ब्रिगेड अमला को सुबह 4:10 बजे को आग लगने की इत्तिला दी गई इस के फ़ौरी बाद कार्रवाई का आग़ाज़ हुआ लेकिन महलोकीन के रिश्तेदारों ने इल्ज़ाम आइद किया कि आग में लिपटी हुई इमारत और मरीज़ों को बचाने में ग़ैरमामूली ताख़ीर की गई।

इन रिश्तेदारों ने ये भी इल्ज़ाम आइद किया कि दवाख़ाना का तिब्बी अमला भी आग लगने के फ़ौरी बाद फ़रार होगया। मरीज़ों की मदद करने के बजाय ये लोग अपनी जान बचाने के लिए ग़ायब होगई। बिस्वास ने कहा कि जो मरीज़ दवाख़ाना में हलाक हुए हैं वो नाज़ुक हालत में थी। इस के इलावा चल फिरने के काबिल ना होने के बाइस कई मरीज़ दम घट कर हलाक हुई। ये लोग आर्थो पीटक यूनिट में शरीक थी।

सीनीयर नायब सदर ऐस उपाध्याय ने कहा कि महलोकीन में दवाख़ाना के अमले के तीन अरकान भी शामिल हैं। चीफ़ मिनिस्टर ममता बनर्जी ने दवाख़ाना का दौरा किया और तहक़ीक़ात का हुक्म दिया।

उन्होंने दवाखाने के लाईसैंस को भी मंसूख़ करने की हिदायत दी। ये आग जो शुबा किया जाता है कि इमारत की बुनियाद में इलैक्ट्रीकल डिपार्टमैंट में लगी थी, देखते ही देखते पूरी बिल्डिंग को अपनी लपेट में ले लिया और ये आग तेज़ी से तीसरी मंज़िल तक फैल गई जो सब से ज़्यादा मुतास्सिरा मंज़िल है।

फ़ायर सरवेस के वज़ीर जावेद ख़ान ने कहा कि आग तेज़ी से इसी लिए भड़क उठी क्यों कि दवाख़ाना मैं हस्सास मटीरीइल का ज़ख़ीरा था। इस से धनुवां पैदा हुआ और दम घुटने से कई मरीज़ हलाक हो गई। दवाख़ाना में आग पर क़ाबू पाने वाले मुनासिब आला जात भी नहीं थी। चीफ़ मिनिस्टर की हिदायत पर नाक़ाबिल ज़मानत दफ़आत के तहत दवाख़ाना के ओहदेदारों के ख़िलाफ़ एक एफ़ आई आर दर्ज किया गया है।

आर ऐस बोनीका और उसके टोडी ईमामी और शराची ग्रुपस इस दवाखाने के मालकीयन बताए गए हैं। इन दोनों ने ख़ुद को पुलिस के हवाले करदिया। रियास्ती हुकूमत ने महलोकीन के अरकान ख़ानदान को फी कस 3 लाख रुपय मुआवज़ा देने का ऐलान किया और अगर ज़रूरत पढ़ने पर रोज़गार की भी पेशकश की। ए ऐम आर आई दवाखाने ने महलोकीन के रिश्तेदारों को फी कस 5 लाख रुपय देने का ऐलान किया और ज़ख़मीयों का दवाख़ाना में मुफ़्त ईलाज किया जाएगा।

ज़ेर-ए-इलाज मरीज़ों के तमाम बक़ायाजात भी माफ़ कर दिए जाएंगे। चीफ़ मिनिस्टर ने महलोकीन के ब्रहम रिश्तेदारों पर ज़ोर दिया कि वो सरकारी दवाख़ाना से रुजू हूँ और अपने रिश्तेदारों की नाशों की शनाख़्त करलीं। दवाख़ाना के बाहर चीफ़ मिनिस्टर जैसे ही पहुंचें अवाम का हुजूम उमड पड़ा। पुलिस ने उन्हें मुंतशिर करने के लिए लाठी चार्ज किया लेकिन ममता बनर्जी ने इस तरह की कार्रवाई ना करने की हिदायत दी।

उपाध्याय ने कहा कि आग लगने के वक़्त इमारत में 164 मरीज़ ज़ेर-ए-इलाज थी। इन में से 94 मरीज़ों को दीगर दवा ख़ानों को मुंतक़िल किया गया है।