ज़िंदगी है ज़ात-ए-गुम गुशता के फिर पाने का ना

ज़िंदगी है ज़ात-ए-गुम गुशता के फिर पाने का नाम
मौत क्या है? आप अपने से बिछड़ जाने का नाम

रहरवी क्या है मुसलसल ठोकरें खाने का नाम
रहबरी है ठोकरें खाकर सँभल जाने का नाम

अब्र क्या है ज़ुल्फ़ के शानों पे लहराने का नाम
और बारिश अब्र के खुल कर बरस जाने का नाम

उस की याद, उस का तसव्वुर, उसकी बातें, उसका ज़िक्र
ज़हन-ओ-एहसासात के गोशों को महकाने का नाम

शायरी में अब गुल-ओ-बुलबुल की है क्या इस्तिलाह
शम्मा को कहते हैं क्या और क्या है परवाने का नाम

शायरी राही फ़सानों से मरी ताबीर है
और हक़ीक़त है मेरे हर एक अफ़साने का नाम