ज़िंदा जल जाने वाले कमसिन फ़लस्तीनी की वालिदा चल बसीं

मक़बूज़ा मग़रिबी किनारे में यहूदी आबाद कारों के हमले में ज़िंदा जल जाने वाले कमसिन बच्चे की वालिदा भी क़रीबन सवा महीने तक मौतो हयात की कश्मकश में मुबतला रहने के बाद चल बसी हैं।

ग़र्बे उरदन में वाक़े एक गांव दोमा में 31 जुलाई को यहूदी इंतिहा पसंदों ने एक फ़लस्तीनी ख़ानदान के मकान को आतशगीर मवाद के हमले में नज़रे आतिश कर दिया था। इस वाक़िये में अठारह माह का अली दवाबशा ज़िंदा जल गया था और इस का बड़ा भाई और वालिदैन शदीद ज़ख़्मी हो गए थे।

मकान में आतिशज़दगी से इस के वालिद साद दवाबशा के जिस्म का अस्सी फ़ीसद हिस्सा जल गया था और वो अस्पताल में कई रोज़ तक मौतो हयात की कश्मकश में मुबतला रहने के बाद गुज़िश्ता माह चल बसे थे।

अली की सत्ताईस साला वालिदा रीहाम दवाबशा सोमवार को अस्पताल में अपने ज़ख्मो की ताब ना ला कर दम तोड़ गई हैं। ख़ानदान का वाहिद फ़र्द अली का बड़ा भाई अहमद इस वक़्त अस्पताल में ज़ेरे इलाज है और उस की हालत भी तशवीशनाक है।