ज़िंदा बच्चे को मरा हुआ बता कर कूड़ेदान में फेंका

प्राइमरी हेल्थ सेंटर, बरौली में बच्चा तवल्लूद होने के बाद बच्चे को मारे हुये का ऐलान कर डॉक्टरों ने कूड़ेदान में फेंक दिया। हालांकि, बच्चा ज़िंदा था। जानकारी के मुताबिक, पीर की रात सिसई गांव के वार्ड 105 के राजेंद्र मांझी की बीवी कांति देवी को अहले खाना ने बच्चा तवल्लूद के लिए प्राइमरी हेल्थ सेंटर में भरती कराया। बच्चे की तवल्लूद के बाद डॉक्टर पैसे की मांग करने लगे, जब अहले खाना ने पैसे नहीं दिया, तो डॉक्टरों ने बताया कि मरा हुआ बच्च हुआ है।

इसलिए उसे फेंक दिया गया है। इस पर बच्चे की मां और अहले खाना गुस्सा हो गये और बच्चे को दिखाने की जिद पर अड़ गये। इसके बाद कूड़ेदान से बच्चे की रोने की आवाज आने लगी। लोगों के गुस्से को देखते हुए आनन-फानन में ऑक्सीजन लगा कर उसका इलाज किया गया। बाद में डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। बच्चे का इलाज सीवान में चल रहा है और वह सेहतयाब है।

क्या कहते हैं डॉक्टर

मेरी ड्यूटी थी। पैसे की मांग नहीं की गयी है। बच्चा बहुत कमजोर था। बाहर ले जाकर बेहतर इलाज कराने की सलाह दी गयी थी। मारे हुये का एलान करने की बात सरासर गलत है। अहले खाना का इल्ज़ाम बेबुनियाद है।

डॉ हरेंद्र राम, डॉक्टर, बरौली