लखनऊ: मग़रिबी बंगाल के एक ज़ेरे दरयाफ़त क़ैदी के क़बज़े में राजपथ और राष्ट्रपति भवन से मुताल्लिक़ नक़्शे और हिंद- बंगला सरहद पर बी एस एफ़ चौकीयों के ख़ाके पाए गए, जिस के बाद उत्तरप्रदेश पुलिस ने इस मामले की तहक़ीक़ात के लिए एक टीम मशरिक़ी रियासत को भेजी है।
7 जून को जेलों की रियासत गीर जांच के दौरान पुलिस हुक्काम को राजपथ और राष्ट्रपति भवन के नक़्शों के इलावा बी एस एफ़ चौकीयों के ख़ाके सिद्दीक़ अली ( 25 साल) के पास से बरामद हुए जो एक क़तल केस के सिलसिले में गुज़िश्ता चार साल से मुरादाबाद जेल में क़ैद है।
अली जिस का ताल्लुक़ मग़रिबी बंगाल से है, उसे 2011में गिरफ़्तार किया गया था कि इस ने ज़िला सँभल में अपने साथी इमरान को किसी तनाज़े पर हलाक कर दिया था। पुलिस ने बताया कि इस के बैग से हिन्दी, मंदा रैन और बंगाली ज़बानों में तहरीरी नोटिस के साथ दो सेल फ़ोन मैमरी कार्डज़ भी बरामद किए गए हैं।
डी टी जी (मुरादाबाद रेंज) ओंकार सिंह ने आज न्यूज़ एजेन्सी पी टी आई को बताया कि हम ने मग़रिबी बंगाल को एक टीम भेजी की है ताकि इस के पस-ए-मंज़र का पता चलाए जाये जबकि स्टेट ए टी एस को भी चौकस कर दिया गया। जब मंदा रैन में तहरीर से मुताल्लिक़ दरयाफ़त किया गया तो अली ने पुलिस को बताया कि वो एक चीनी शहरी को जानता है जिस ने उसे ये ज़बान सिखाई।
आई जी ( ला ऐंड आर्डर ) ए सतीश गणेश ने लखनऊ में कहा कि इस ने ये नक़्शा गूगल वेबसाइट से डाउन लोड किया। इबतेदाई छानबीन के मुताबिक़ अली ने पुलिस और इंस को बताया कि वो और इस का बाप नासिर अली चंद साल क़बल सँभल (यू पी) को मुंतक़िल हुए और गोश्त बरामद करनेवाली फ़र्म में मज़दूर के तौर पर काम किए।