पाकिस्तान को फ़राख़दल वीज़ा निज़ाम की अमल आवरी में ताख़ीर का ज़िम्मेदार क़रार देते हुए कांग्रेस क़ाइद मणि शंकर अर ने आज कहा कि मयार हिंद । पाक बाहमी तिजारती ताल्लुक़ात में बेहतरी केलिए ज़रूरी है। उन्हों ने कहा कि इन का एहसास हीका फ़राख़दल वीज़ा निज़ाम मुआहिदा पर दस्तख़त में नाकामी केलिए पाकिस्तान ज़िम्मेदार है।
वो हिंद । पाक मुआहिदा पर दस्तख़त में नाकामी के बारे में अख़बारी नुमाइंदों के सवालात का जवाब दे रहे थे। उन्हों ने कहा कि पाकिस्तान ने तजवीज़ पेश की हीका उसे मुआहिदा पर वुज़रा की दस्तख़त होनी चाहीए, मोतमिदों की नहीं। हाल ही में मोतमिद यन दाख़िला सतह का इजलास हिंदूस्तान और पाकिस्तान के दरमयान मुनाक़िद हुआ था, जिस में फ़राख़दल वीज़ा निज़ाम मुआहिदा पर दस्तख़त ना होसके सिर्फ इस लिए कि पाकिस्तान ने सयासी शराकतदारी पर ज़ोर दिया था। कांग्रेस के सीनीयर क़ाइद मणि शंकर अर फ़िक्की के ज़ेर-ए-एहतिमाम मुनाक़िदा इजलास से हिंद। पाक ताल्लुक़ात के मौज़ू पर ख़िताब कररहे थे। उन्हों ने कहा कि दोनों ममालिक के दरमयान बहुत ज़्यादा तबादला-ए-ख़्याल ज़रूरी है। पाकिस्तानी ताजिरों ने वीज़ा निज़ाम के ज़रीया बाहमी रवाबित में सहूलत फ़राहम की है। बदक़िस्मती से जो भी पेशरफ़त हुई थी वो भी सयासी बुनियादों पर रोक दी गई है।
उन्हों ने कहा कि उन्हें उम्मीद हीका हिंदूस्तान और पाकिस्तान इस कोताही पर क़ाबू पा लेंगे। उन्हों ने कहा कि तिजारत की ताईद बाहमी बेहतर ताल्लुक़ात से होनी चाहीए। जब तक तिजारत को ज़बरदस्त बाहमी सरमाया कारी की मदद हासिल ना हो, दुश्वारियां बरक़रार रहेंगी। जो सयासी दबाव का नतीजा होंगी क्योंकि सयासी असरोरसूख़ हमेशा असरअंदाज़ होता है। उन्हों ने कहा कि तिजारती ताल्लुक़ात पर अदम अमल आवरी के नतीजा में अगर हमें एक मुस्तहकम तिजारती ताल्लुक़ हासिल ना हो तो हमें ये तस्लीम करना होगा कि पाकिस्तान की बाअज़ सनअतों को लाज़िमी तौर पर मनफ़ी असरात का सामना करना होगा।
उन्हों ने कहा कि दोनों ममालिक के अपनी छोटी छोटी सनअतों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए इक़दामात भी करने होंगे। मिनी शंकर अर ने कहा कि पाकिस्तानी सनअत ने अंदेशे ज़ाहिर किए है कि हिंदूस्तान के साथ तिजारत का रास्ता खोल देने से पाकिस्तान की छोटी सनअतें मुतास्सिर होंगी। उन्हों ने कराची में क़ौंसलख़ाना खोलने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और कहा कि मुंबई और कराची के दरमयान खुली तिजारती राहदारयां होनी चाहीए। दोनों ममालिक को बैंक सहूलतों केलिए भी पेशरफ़त करनी होगी। अदायगीयों को राह पर लाया जा सकता है। हिंद।पाक तिजारत रुपय के ज़रीया होना इन केलिए इंतिहाई पसंदीदा होगा अगर ऐसा मुम्किन होजाए तो हिंद। पाक तिजारत में ज़बरदस्त इज़ाफ़ा होसकता है। उन्हों ने अपील की कि तिजारत जारी रहनी चाहीए, चाहे दोनों ममालिक के दरमयान ताल्लुक़ात कशीदा ही क्यों ना होजाएं।