फ़र्हत नगर मलकपेट में घरों के सामने खुले नालों से अवाम परेशान

असेंबली हल्क़ा मलकपेट में फ़र्हत नगर की बस्ती भी शामिल है अजीब इत्तिफ़ाक़ ये है कि इस मुहल्ला में तक़रीबन घरों के सामने खुले नाले बहते हैं। ये कैफ़ीयत आज की नहीं बल्कि बरसों से ये सिलसिला चल रहा है।

अतराफ़ के अवाम इस सूरते हाल से बेहद परेशान हैं फ़र्हत नगर के लोगों की ज़िंदगी तकलीफ़देह हो गई है। बदबू और ताफ़्फ़ुन के बावजूद लोग महज़ मजबूर होकर यहां रहते हैं जहां तक अज़ीमतर मजलिस बलदिया हैदराबाद के दामन में सिमटे मुख़्तलिफ़ महल्लाजात में बुनियादी ज़रूरीयात की फ़राहमी का सवाल है।

अक्सर मुस्लिम बस्तीयों ( पसमांदा इलाक़ों) का मंज़र पेश करते हैं। इन इलाक़ों में तेज़ी से इंसानों के दुश्मन मच्छरों की अफ़्ज़ाइश होती है इस तरह शहर में बाअज़ इलाक़े तो ऐसे भी हैं जहां खुले और बहते हुए नाले और मोहरीयां मौत के नालों में तबदील हो चुके हैं। इस के बावजूद किसी को इन खुले नालों पर सिलाब और खुले मैन होल्स पर ढक्कन या कोर डालने की फ़िक्र नहीं।

वैसे भी दोनों शहरों हैदराबाद और सिकंदराबाद में कसीर आबादीयों के बेचों बीच सैंकड़ों नाले खुले पड़े हैं जो ज़रा सी ग़फ़लत पर मौत के नालों में तबदील हो सकते हैं।

ऐसा ही एक इलाक़ा फ़र्हत नगर भी है जहां मुकम्मल तौर पर मुस्लिम आबादी की हामिल इस बस्ती में तक़रीबन घरों के सामने खुले नाले और बहते हुए नाले देख सकते हैं। सिलाब डालने से जहां लोग ख़ासकर मासूम बच्चे किसी बड़े हादिसा से महफ़ूज़ रहेंगे वहीं ये नाले सड़क का काम भी अंजाम देंगे।