पिछ्ले सदर बी जे पी बंगारू लक्ष्मण को जो उस वक़्त जेल में हैं, दिल्ली हाइकोर्ट ने फ़र्ज़ी दिफ़ाई मामले में रिश्वत लेने से मुताल्लिक़ मुक़द्दमे में ज़मानत मंज़ूर करली। जस्टिस ए के पाठक ने उन्हें शख़्सी मचलकह और 50 हज़ार रुपय की ज़मानत जमा कराने की हिदायत दी।
72 साला बंगारू लक्ष्मण को 27 अप्रैल को तहवील में लिया गया था और ख़ुसूसी सी बी आई अदालत ने उन्हें 4 साल जेल की सज़ा सुनाई। बंगारू लक्ष्मण को हिंदूस्तानी फ़ौज को बाअज़ आलात की सरबराही केलिए 2001 मे फ़र्ज़ी दिफ़ाई मामले में रिश्वत लेते हुए दिखाया गया था।
बाअज़ सहाफ़ीयों ने खु़फ़ीया कार्रवाई के ज़रीये इस मामले को बेनकाब किया था। 4 सितंबर को बंगारू लक्ष्मण हाइकोर्ट मे लाया गया और इस मुक़द्दमे मे ज़मानत देने की अपील की। उन्हों ने इस वक़्त वो ज़्यादा उम्र के हो चुके हैं और कई बीमारों का शिकार हैं। उन्हों ने इसटिंग ऑप्रेशन के ताल्लुक़ से हाइकोर्ट के फ़ैसले का भी हवाला दिया और कहाकि किसी शख़्स को जुर्म केलिए उकसाना भी मना है।
इससे पहले बंगारू लक्ष्मण को 4 साल जेल की सज़ा के अलावा एक लाख रुपय जुर्माना अदा करने का हुक्म दिया गया था। उन्हें 2001 मे इस फ़र्ज़ी दिफ़ाई मामले में फ़र्ज़ी असलाह (हथियार) डीलर से एक लाख रुपय रिश्वत लेने पर करप्शन की रोक थाम ऐक्ट के तहत मुजरिम क़रार दिया गया था।
बंगारू लक्ष्मण को पार्टी हेडक्वार्टर में वक़्य उन के चैंबर में इसटिंग ऑप्रेशन के ज़रीये रिश्वत की इस रक़म को क़बूल करते हुए कैमरे में क़ैद करलिया गया था। इस अस्क़ाम के बेनकाब होते ही सयासी तूफ़ान खड़ा होगया था और बंगारू लक्ष्मण को पार्टी सदारती ओहदे से इस्तीफा होना पड़ा था।
यह स्टिंग ऑपरेशन न्यूज़ चयानल तहलका डाँट काम ने किया था। वीडीयो सीडिस 13 मार्च 2001 को जारी किए गए। इस पोर्टल से वाबस्ता(जुड़े) सहाफ़ीयों ने ख़ुद को बर्तानिया की एक फ़र्ज़ी कंपनी वैस्ट ऐंड इंटरनैशनल के नुमाइंदे की हैसियत से मुतआरिफ़ किया था और हिंदूस्तानी फ़ौज के लिए थर्मल अमेजरस (फ़र्ज़ी आलात) की सरबराही के लिए वज़ारत से सिफ़ारिश करने की बंगारू लक्ष्मण से ख़ाहिश की।
सी बी आई चार्ज के मुताबिक़ तहलका के सहाफ़ीयों ने 23 डिसमबर 2000 और 7जनवरी 2001 के बीच बंगारू लक्ष्मण से 8 मुलाक़ातें कीं और ख़ुद को डीफ़ैंस से मुताल्लिक़ प्रॉडक्टस के सरबराह कनुंदा ज़ाहिर किया। सी बी आई ने इल्ज़ाम लगाया कि बंगारू लक्ष्मण ने इन नुमाइंदों से एक जनवरी 2001 को अपने दफ़्तर में एक लाख रुपय की रक़म वसूल की और उन के प्रॉडक्ट्स की फ़ौज को सरबराह करने की तजवीज़ अर्बाब मजाज़ से रुजू करने से सहमत किया था।