फ़लस्तीनीयों की ज़मीन हड़पने का मुहर्रिक कैंसर से फ़ौत

यरूशलम । 6 । अक्तूबर (एजैंसीज़) फ़लस्तीनीयों की ज़मीन हड़पने का मुहर्रिक यहूदी हन्नान पोर्ट कैंसर के बाइस फ़ौत होगया । मग़रिबी किनारा और ग़ज़ा पट्टी में इस ने यहूदी बस्तीयों को बसाने की तहरीक चलाई थी । वो 67 साल का था, कैंसर से इस के इंतिक़ाल की तौसीक़ करते हुए वज़ीर-ए-आज़म बिंजा मन नेतन्याहू ने कहा कि पोर्ट ने इसराईल की ज़मीन पर तामीरात के लिए अपनी ज़िंदगी वक़्फ़ करदी थी, इस ने इसराईल और यहूदी अवाम को बसाने मज़हब यहोदीत को फ़रोग़ देने के लिए तलबा-ए-की नसल में तालीम को आम किया था । पोर्ट एक रब्बी था जो कैंसर के आरिज़ा के बाइस रूपोशी की ज़िंदगी गुज़ार रहा था । 1970 ता 1980 -के दौरान जब इसराईल अपनी सयासी बक़ा की जंग लड़ रहा था वो कट्टर पसंद यहूदीयों को मुश्तइल करने और उन्हें उकसा कर फ़लस्तीनीयों पर मज़ालिम-ओ-ज़िया देतों के ज़रीया उन की ज़मीन पर क़ब्ज़ों की तहरीक चलाई थी । वो 1981 ता 1984 -ए-में इसराईली पार्लीमैंट का रुकन रहा । 1988 -ए-और 1999 -ए-में भी दुबारा मुंतख़ब हुआ था । मग़रिबी किनारा और फ़लस्तीनी शहर जरवन के क़लब में यहूदी बस्तीयां तामीर करने में इस का अहम रोल रहा है । 1967 -की 6 रोज़ा जंग में भी इस ने एक नौजवान सिपाही के तौर पर हमला किया था । चंद माह बाद इस ने फ़लस्तीनीयों की अराज़ी पर क़बज़ा कर के लैंड आफ़ लॉर्ड्स के उनवान से किताब जारी कर के फ़लस्तीनीयों के ख़िलाफ़ इसराईलों को हौसला बख्शा था । पसमानदगान मैं बेवा के इलावा चार बच्चे और पोते पवित्रीयां हैं। उसे नौ आबादियात तहरीक का बानी क़रार दिया जाता है।