फ़लस्तीनीयों से सौदेबाज़ी पर आमादगी का अमरीकी मश्वरा

वाशिंगटन 3 अक्टूबर (पी टी आई) एक सख़्त नुक़्ता-ए-नज़र इख़तियार करते हुए कि मशरिक़-ए-वुसता की बुनियादी सूरत-ए-हाल में कोई फ़र्क़ पैदा नहीं होगा अगर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा में फ़लस्तीनी ममलकत की ताईद में क़रारदाद मंज़ूर करली जाए, अमरीका ने कहा कि फ़लस्तीनीयों को ईसराईलीयों के साथ अपने मक़सद के हुसूल के लिए सौदेबाज़ी पर आमादा हो जाना चाहिये। वज़ीर-ए-ख़ारजा अमरीका हीलारी क्लिन्टन ने मिस्र के ख़बररसां टी वी चैनल उल-हयात को इंटरव्यू देते हुए कहा कि अगर अक़वाम-ए-मुत्तहिदा क़रारदाद मंज़ूर भी करदे जिस के तहत फ़लस्तीन को आज़ाद ममलकत का दर्जा दे दिया जाय और उसे तस्लीम करते हुए इस के मर्तबा में इज़ाफ़ा भी करदिया जाय तो रमला की सुरते हाल में कोई तबदीली नहीं पैदा होगी जबकि अमरीका मशरिक़-ए-वुसता की सूरत-ए-हाल में तबदीली चाहता है। अगर फ़लस्तीनी अपनी आज़ाद ममलकत क़ायम करना चाहते हैं तो उन्हें मआशी तरक़्क़ी जारी रखनी होगी। मिस्र के साथ तआवुन करके इस इलाक़ा में अपने अवाम की हालत बेहतर बनानी होगी और हम जानते हैं कि ऐसा नहीं होगा। इस लिए अमरीका वाज़िह अलफ़ाज़ मैं चाहता है कि दोनों फ़रीक़ैन की बातचीत का अहया हो जाय और हम तन्क़ीद करने के बजाय वाज़िह करदेना चाहते हैं कि अमरीका किसी किस्म की इश्तिआल अंगेज़ कार्रवाई नहीं चाहता। अमरीका अपने हालिया ब्यानात में कह चुका है कि ममलकत फ़लस्तीन का मक़सद इसराईल के साथ बातचीत के अहया और सौदेबाज़ी के ज़रीया ही हासिल होसकता है और हम उसी की कोशिश कररहे हैं। हीलारी क्लिन्टन ने कहा कि सदर बारक ओबामा और ख़ुद वो भी आज़ाद फ़लस्तीनी ममलकत की ताईद में हैं। लेकिन चाहते हैं कि ये मक़सद पुरअमन मुज़ाकरात के ज़रीया हासिल किया जाए।