फ़लस्तीन से मुसलमानों का मज़हबी और सियासी ताल्लुक़ है और दीगर मज़ाहिब के मानने वालों का सियासी ताल्लुक़ इस मसअले से है। मुसलमानों का मज़हबी ताल्लुक़ मसअले फ़लस्तीन से होने की बुनियादी वजह फ़लस्तीन में क़िबला अव्वल और मस्जिदे अक्सा की मौजूदगी है।
जनाब सैयद वक़ार उद्दीन एडीटर इन चीफ़ रोज़नामा रहनुमाए दक्कन और सदर नशीन इंडो अरब लीग ने आज एक प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब के दौरान ये बात कही।
उन्हों ने बताया कि इंडो अरब लीग हिंद – अरब ताल्लुक़ात में तक़्वियत के इलावा फ़लस्तीन में क़ियामे अमन के लिए कोशां है और इसी सिलसिले में 23 फ़ेब्रुअरी बरोज़ इतवार सुबह 10-30 बजे दिन जुबली हॉल बाग़े आम्मा में एक अज़ीमुश्शान जल्सा का इनेक़ाद अमल में लाया जा रहा है।
इस जल्सा में मुफ़्तीए आज़म फ़लस्तीन मुहम्मद ए एच हुसैन हिफ़्ज़ुल्लाह बहैसियत मेहमाने ख़ुसूसी शिरकत करेंगे और फ़लस्तीन की मौजूदा सूरते हाल से शुरका को वाक़िफ़ करवाएंगे।
जनाब सैयद वक़ार उद्दीन कादरी ने बताया कि इस जल्से आम से मुफ़्तीए आज़म फ़लस्तीन के इलावा अबदुल्लाह एम आई, अबदुल्लाह रुक्न पार्लीयामेंट फ़लस्तीन, सफ़ीर फ़लस्तीन मतैयना हिंदुल शेख़ हसन सादिक़ उदली शाबान, जनाब मुहम्मद हुसैनुल शरीफ़ सफ़ीर अल्जीरिया मतैयना हिंद, जनाब रुबा तबारोत सरब्राह कौंसिल उमूर सिफ़ारतख़ाना अल्जीरिया, जनाब अहमद मुहम्मद जब्रोएन सदर अरब पार्लीयामेंट और रुक्न नेशनल कौंसिल ऑफ़ यू ए ई शिरकत करेंगे।
जनाब सैयद वक़ार उद्दीन कादरी ने बताया कि अब इसराईल के मज़ालिम इस हद तक इंतिहा को पहुंच चुके हैं कि यूरोपीय ममालिक भी उस की मुज़म्मत कर रहे हैं लेकिन हिंदुस्तान अब भी ख़ामोश है। जनाब मीर अकबर अली ख़ान ने भी इस प्रेस कान्फ़्रैंस से ख़िताब के दौरान फ़लस्तीन की तारीख़ी अहमियत से वाक़िफ़ करवाया।