फ़सादाद की ज़िम्मेदारी क़बूल करने से मोदी का इनकार

सवालात का जवाब देने से पीस-ओ-पेश चीफ़ मिनिस्टर के बरत के ख़िलाफ़ फ़सादत के मुतास्सिरीन का मुज़ाहरा मलीका सारा बाई-ओ-दीगर 25 गिरफ़्तार
अहमदाबाद । 18 सितंबर ( पी टी आई) चीफ़ मिनिस्टर गुजरात के तीन रोज़ा बरत के दूसरे रोज़ आज भी 2002 के फ़िर्कावाराना फ़सादाद के सवालात इन का पीछा करते रहे और उन्हों ने (मोदी) ने इन सवालात का जवाब देने से टाल मटोल और पस-ओ-पेश किया कि आया वो माबाद गोधरा ट्रेन सानिहा फूट पड़ने वाले इन फ़िर्कावाराना फ़सादाद की ज़िम्मेदारी क़बूल करते हैं जिन (फ़सादाद) में कई मुस्लमानों की जान चली गई । एन डी ए की एक ताक़तवर हलीफ़ जमात जे डी (यू) ने जो मोदी के हमख़याल नहीं थी और कल ख़ुद को इस बरत से दूर रखा था आज खुले आम मोदी की मुख़ालिफ़त पर उतराई। जय डी (यू) ने कहा कि एक शख़्स जो अपनी रियासत में छः करोड़ अवाम के साथ राज धर्म का पालन करने में नाकाम हो गया हो वो मलिक के 125 करोड़ अवाम के साथ इंसाफ़ नहीं करसकता । इस दौरान समाजी कारकुन-ओ-रक़ासा मलीका सारा भाई के बिशमोल 2002 के गुजरात फ़सादाद के इन 25 मुतास्सिरीन को नरोडा में गिरफ़्तार करते हुए मोदी के ख़िलाफ़ एहितजाजी मुज़ाहरा करने से रोक दिया गया । ये लोगफ़िर्कावाराना हम आहंगी के लिए मोदी के तीन रोज़ा बरत के ख़िलाफ़ एहतिजाज मुज़ाहरा करना चाहते थे । मोदी का सद भावना बरत आज दूसरे दिन में दाख़िल होगया। इस मौक़ा पर अख़बारी नुमाइंदों ने इन से सवाल किया कि आया वो साबरमती ऐक्सप्रैस ट्रेन आतिशज़दगी वाक़िया के बाद फूट पड़ने वाले 2002 के फ़िर्कावाराना फ़सादाद की ज़िम्मेदारी क़बूल करेंगे। जिस पर मोदी ब्रहम होगए और उल्टा सवाल किया कि ये क्या चीज़ है । आप किस ज़िम्मेदारी की बात कर रहे हैं आप लोग एक ऐसा झूट मुसल्लत करने की कोशिश कर रहे हैं जो आप को पसंद है । ये पूछे जाने पर कि रियासत में फ़िर्कावाराना तशद्दुद के दौरान हुई हलाकतों पर आप किस तरह से अफ़सोस का इज़हार करना चाहते हैं । जिस पर मोदी ने सिर्फ ये जवाब दिया कि मैंने आज अपने खुले मकतूब में इस मसला पर खुल कर अपनी बात कह चुका हूँ । लेकिन जब सच्च की बात आती है तो आप लोग (सच्च को) भूल जाते हैं और जब कोई झूट आप को पसंद आ जाता है तो इस को किसी भी हद तक घसीटने तैय्यार हो जाते हैं । मोदी ने अपने मकतूब में सिर्फ ये कहा था कि रियास्ती चीफ़ मिनिस्टर की हैसियत से इस रियासत में किसी का भी दर्द मेरा अपना दर्द महसूस करता हूँ । हर किसी को इंसाफ़ फ़राहम करना हुकूमत की ज़िम्मेदारी होती है । एक और सवाल पर मोदी ने इस बात की तरदीद की कि वो दरअसल एहसान जाफरी क़तल के मुक़द्दमा पर सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा तरीन हुक्म पर जश्न मना रहे हैं । उन्हों ने सवाल कनुंदा अख़बारी नुमाइंदों से उल्टा सवाल किया कि कोई जो जश्न मना रहा है में तो सिर्फ बरत रखा हूँ । क्या ये भी कोई जश्न है और आप लोग किस फ़ैसले की बात कर रहे हैं । क्या मोदी के ख़िलाफ़ किसी एक भी पुलिस स्टेशन में कोई एफ़ आई आर दर्ज था । ताहम उन्हों ने एतराफ़ किया कि बिलकुल्लिया तौर पर पाक-ओ-साफ़ नहीं होता और कोई भी निज़ाम मुकम्मल तौर पर मूसिर नहीं होता जमहूरीयत में तन्क़ीद तो क़ाबिल ख़ौरमक़दम है मगर ये तन्क़ीद नहीं है बल्कि इल्ज़ामात आइद किए जा रहे हैं । चीफ़ मिनिस्टर गुजरात नरेंद्र मोदी ने कहा कि इन की बरत का कोई सयासी एजंडा नहीं है बल्कि फ़िर्कावाराना हम आहंगी को फ़रोग़ देना बरत का बुनियादी मक़सद है । मुस्तक़बिल के मंसूबों के बारे में नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हों ने कभी भी अपने मुस्तक़बिल के बारे में मंसूबा साज़ी नहीं की है और आज वो जहां कहीं भी हैं इस के लिए भी उन्हों ने माज़ी में कोई मंसूबा नहीं बनाया था