नई दिल्ली, 12 अक्तूबर (पी टी आई) सुप्रीम कोर्ट ने माबाद गोधरा वाक़िया फूट प्रणय वाले फ़सादाद के बाअज़ मुक़द्दमात की निगरानी रोक देने के लिए हुकूमत गुजरात की दरख़ास्त को आज अमलन मुस्तर्द कर दिया और कहा कि इन मुक़द्दमात की शदीद चंद माह निगरानी करने से कोई फ़र्क़ नहीं होगा।
रियास्ती हुकूमत ये इस्तिदलाल पेश की थी कि मुक़द्दमात की निगरानी रोक दी जानी चाहीए क्योंकि तहत की अदालतों में चार्ज शीट पेश की गई है और अदालत-ए-उज़्मा की निगरानी इन मुक़द्दमात की मुतवाज़ी समाअत के मुतरादिफ़ होगी लेकिन जस्टिस डी के जैन की क़ियादत में तीन रुकनी ख़ुसूसी बंच ने कहा इक्का चार्ज शीट की पेशकश के बाद किसी मुक़द्दमा की निगरानी करना कोई नई बात नहीं है।
चुनांचे मज़ीद चंद माह निगरानी जारी रहने दीजिए इस से कोई ज़्यादा फ़र्क़ नहीं होगा। ये कोई ऐसा नया क़ायदा नहीं है जो आज ही वजूद में आया है । सनीट ऐडवोकेट मुकुल रोहतगी ने हुकूमत गुजरात की तरफ़ से रुजू होते हुए निगरानी रोक देने की दरख़ास्त की थी लेकिन बंच ने कहा कि वो सूरत-ए-हाल से बाख़बर है और हुकूमत की दरख़ास्त पर माबाद ग़ौर किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट बंच ने सी बी आई के साबिक़ डायरैक्टर आर के राघवन की क़ियादत में काम करनेवाली सी बी आई टीम की तरफ़ से गुलबर्ग सोसाइटी फ़सादाद के मुक़द्दमा पर तहत की अदालत में होने वाली समाअत पर वीडीयो रिकार्डिंग के बारे में मौक़िफ़ तबदील किए जाने पर सरज़निश की ।