सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के ज़िला दरभंगा के एक मेकेनीकल इंजीनीयर को सऊदी अरब में वाक़्य (मौजूद/ स्थित) उसकी रिहायश गाह से हिंदूस्तानी खु़फ़ीया एजेंसीयों के हाथों उठाए जाने के मुबय्यना (कथित तौर पर) मुआमले में मर्कज़ी हुकूमत (केंद्र सरकार) को जवाब दाख़िल करने के लिए आज 6 जून तक का वक़्त दिया।
जस्टिस के एस राधा कृष्णन और जस्टिस जे एस कबीर पर मुश्तमिल डिवीज़न बंच ने फ़सीह अहमद की बीवी निकहत प्रवीन की दरख़ास्त पर समाअत ( सुनवायी) के दौरान मर्कज़ी हुकूमत की अपील को मंज़ूर करते हुए जवाब दाख़िल करने के लिए 6 जून तक का इज़ाफ़ी वक़्त दिया है।
मिस्टर ख़ान ने ये दलील दी थी कि हिंदूस्तानी हुक्काम ने सऊदी पुलिस की मदद से फ़सीह के घर की तलाशी ली और इसी दिन उसे उठा कर ले गई। इसके बाद से इस का कुछ पता नहीं है। उन्होंने डिवीज़न बंच से ये अपील की थी कि वो मर्कज़ी हुकूमत को फ़सीह की तफ़सीलात फ़राहम कराने से मुताल्लिक़ ( संबंधित) हिदायत दे।
इसके बाद डिवीज़न बंच ने नोटिस जारी करके जवाबतलब किया है फ़सीह और प्रवीन का गुज़श्ता बरस सितंबर में निकाह हुआ था। गुज़श्ता 13 मई के वाक़िया ( घटना) के बाद प्रवीन ने सऊदी अरब में वाक़्य ( मौजूद/ स्थित) हिंदुस्तानी सिफ़ारतख़ाना से रुजू किया। लेकिन उसे वहां से कोई मदद नहीं मिली। इस के बाद वो गुज़श्ता 15 मई को हिंदुस्तान वापस आ गई और इस ने वज़ारत-ए-दाख़िला और वज़ारत-ए-ख़ारजा के आफ़िसरान से अपने शौहर के बारे में दरयाफ्त करने की कोशिश की।
लेकिन उसे वहां से कोई तफ़सील (जानकारी) नहीं मिल सकी। वाज़िह रहे कि गुज़शता 30 मई को अदालत ने वज़ारत-ए-ख़ारजा और वज़ारत-ए-दाख़िला के ज़रीये मर्कज़ी हुकूमत से यक्म जून तक जवाबतलब किया था। प्रवीन ने अपनी दरख़ास्त में इल्ज़ाम लगाया है कि हिंदूस्तानी खु़फ़ीया एजेंसीयों ने सऊदी पुलिस की मौजूदगी में दमदम के जबील में वाक़्य ( मौजूद) उस की रिहायश गाह से 13 मई को इस के शौहर को उठा लिया था, जिसके बाद से इस का कुछ पता नहीं है।
ज़िला दरभंगा के बाढ़ समीला गांव का रहने वाला फ़सीह जून 2008 से सऊदी अरब में मुक़ीम था।