नई दिल्ली , १० दिस्दम्बर: (यू एन् आई)फ़ारबस गंज के भजनपुर् में जून को होने वाली पुलिस फायरिंग मुआमला में सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के मुक़र्ररा मुद्दत (छः हफ़्ते )के बाद भी हुकूमत बिहार की तरफ़ से कोई जवाब नहीं दिए जाने के बाद दस्ती नोटिस भेजवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दुबारा अर्ज़ी दायर की गई है।
अर्ज़ी गुज़ार ग़ैरसरकारी तंज़ीम ए पी सी आर दिल्ली के सैक्रेटरी अख़लाक़ अहमद ने ये इत्तिला देते हुए बतायाकि सुप्रीम कोर्ट ने मफ़ाद-ए-आम्मा के तहत दायर की गई उन की अर्ज़ी पर हुकूमत बिहार को 10 अक्तूबर को नोटिस जारी किया था।
अर्ज़ी में हुकूमत बिहार ,एस पी अररिया और मर्कज़ी हुकूमत को फ़रीक़ बनाने के साथ सी बी आई इंकुआयरी, एस पी गरीमा मुल़्क की बर्ख़ास्तगी और पुलिस फायरिंग में हलाक और ज़ख़मी होने वालों को मुनासिब मुआवज़ा देने का मुतालिबा किया गया है।
ए पी सी आर के सैक्रेटरी ने कहा कि इस मुआमले में को नतीश हुकूमत ने सुप्रीम कोर्ट के नोटिस का जवाब ना दे कर जिस लापरवाई का सबूत पेश किया है वो मज़हर है कि वो मज़लूमों को इंसाफ़ नहीं देना चाहती। हुकूमत के रवैय्ये से ये भी अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि अदालती इंकुआयरी कमीशन की रिपोर्ट आभी गई तो इस प्रिक्स हद तक अमल किया जाएगा।
बिहार कल्ला नगरीस के तर्जुमान डाक्टर शकील अहमद ख़ां ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने वाक़िया की संगीनी के पेशे नज़र हुकूमत बिहार को नोटिस जारी किया था लेकिन ऐसा लगता है कि नतीश हुकूमत हुसूल इंसाफ़ की मुद्दत को तवील करना चाहती है।
वाक़िया को छः माह हो चुके हैं लेकिन अभी तक ना तो डी ऐम और एसडी ओ को मुअत्तल या ट्रांसफ़र किया गया है ना ही हलाक शुदगान के विरसा-ए-और ज़ख़मीयों को कोई मुआवज़ा भी दिया गया है।
डाक्टर ख़ां ने मज़ीद कहा कि ऐसे में किसी अदालती इंकुआयरी कमीशन की कोई एहमीयत नहीं रह जाती।इस लिए सी बी आई इन्क्वायरी ज़रूरी हो गई है ।