बी एस पी की सरबराह मायावती और आर एल डी के सदर अजीत सिंह ने उत्तरप्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर और एतराफ़ के इलाक़ों में पुर्तशद्दुद वाक़ियात के लिए हुक्मराँ जमात एस पी और बी जे पी को मौरिद इल्ज़ाम ठहराया और कहा कि ये दोनों जमाअतें राय दहिंदों में फूट डालते हुए अपने सियासी मुफ़ादात को पूरा कररही हैं।
उन्होंने रियासत में सदर राज के निफ़ाज़ का मांग करते हुए कहा कि महलूकीन् की तादाद 30 से ज्यादा होगई है। मायावती ने कहा कि इस (तशद्दुद ) के पीछे एस पी और बी जे पी का हाथ नज़र आता है। लोक सभा इंतिख़ाबात करीब आरहे हैं और दोनों जमाअतें इंतिख़ाबात को फ़िर्कावाराना रंग देने की कोशिश कररही हैं।
ये उनके सियासी खेल का मंसूबा है। मर्कज़ी वज़ीर अजीत सिंह ने जो आर एल डी के सदर भी हैं , कहा कि बी जे पी वोटों को बाँटना चाहती है और एस पी भी यही कररही है। अजीत सिंह ने जो यू पी ए के हलीफ़ हैं सवाल किया कि बी जे पी ने (अमीत ) शाह को उत्तरप्रदेश क्यों भेजा है।
वो पहले अयोध्या और फिर मथुरा भी गए थे। दोनों जमाअतें समझ रही हैं कि उन्हें फ़ायदा होगा। मायावती ने कहा कि इन दोनों जमातों ने खु़फ़ीया साज़बाज़ की है ताकि 2014 -ए-के लोक सभा इंतिख़ाबात में अपने सियासी मुफ़ादात पूरे किए जा सके। मायावती ने मज़ीद कहा कि ये दोनों जमाअतें (बी जे पी और एस पी ) 84 कोस प्रिय कर्मा के बहाने ना सिर्फ़ रियासत बल्कि सारे मुल्क के समाजी ताना बाना को दरहम ब्रहम करना चाहती हैं।
अव्वाम उनके सियासी खेल के मंसूबों को बख़ूबी समझते हैं और अब ये मंसूबे बेनकाब होगए हैं। अजीत सिंह ने कहा कि अखिलेश हुकूमत ने अपने दौर में तरक़्क़ी के लिए शायद ही कोई मुज़ाहरा की है लेकिन आम इंतिख़ाबात में वोट लेने केलिए फ़िर्कावाराना ख़ुतूत पर तक़सीम का सहारा ले रही है। उन्होंने कहा कि एस पी के बरसर-ए-इक़तिदार आने के बाद उत्तरप्रदेश में 100 से ज़ाइद फ़िर्कावाराना फ़सादाद होचुके हैं।