फ़िर्का वाराना हम आहंगी अमन और तरक़्क़ी की ज़ामिन

( सियासत डिस्ट्रिक्ट न्यूज़) तल्ख़ यादों को फ़रामोश करते हुए शहर को अमन का गहवारा बनाने में आपसी भाई चारगी फ़िर्क़ा वाराना हमआहंगी की बरक़रारी दोनों फ़िरक़ों के अवाम के लिए बेहद ज़रूरी है और मुसबत सोच ही अमन की फ़िज़ा को बनाए रखने और मुस्तक़बिल को ताबनाक बनाने के इलावा समाज की अज़ सर-ए-नौ तामीर में अहम रोल अदा कर सकती हैं ।

ज़िला पोलिस कप्तान मिस्टर ऐस ऐस त्रिपाठी ने भैंसा पोलिस स्टेशन में नुमाइंदा सियासत एजाज़ अहमद ख़ान से एक ख़ुसूसी मुलाक़ात के दौरान अपने ख़्यालात का इज़हार करते हुए किया ।

सिंगा रेड्डी में हुए फ़िर्का वाराना फ़साद के ज़िमन में वो अपने भैंसा के दौरा के मौक़ा पर हिफ़ाज़ती इंतिज़ामात और सीयानती इंतिज़ामात के मुताल्लिक़ भैंसा डीवीझ़न में पुलिस को मुतहर्रिक किया । दौरान बातचीत ज़िला एस पी मिस्टर त्रिपाठी ने कहा कि मुसबत सोच ऊंची फ़िक्र के ज़रीया हम आपस में दोस्ताना माहौल पैदा करसकते हैं ।

उन्हों ने कहा कि किसी भी वाक़िया और लमहात को फ़िर्कापरस्ती की नज़र ना देखें बल्कि नाख़ुशगवार हालात को पनपने ना दें । इस लिए पुरानी बातों को भूल कर नए समाज की अज़ सर नो तामीर और शहर को तरक़्क़ी देते हुए शहर में अमन की फ़िज़ा और तशद्दुद से पाक माहौल फ़राहम करने के लिए दोनों तबकों की अवाम एक दूसरे के तआवुन हासिल करते हुए आगे आएं और डीवीझ़न में फ़िर्कावाराना हम आहंगी और भाई चारगी को प्रवान चढ़ाने में अपना अहम रोल अदा करें ।

एजाज़ अहमद ख़ान की जानिब से पूछे गए सवालात का मुस्कुराकर जवाब देते हुए कहा कि हर मुक़ाम पर चंद शरपसंद होते हैं जिन का काम ही माहौल को मुकद्दर करना होता है जिस में इन का अपना मक़सद होता है लेकिन ये शरपसंद जब कामयाब होते हैं तब अवाम उन की बातों-ओ-बहकावें में आकर ऐसा कुछ कर गुज़रते हैं जो बाद में पशेमानी का सबब बनती है ।

उन्हों ने कहा कि ज़िला में पोलिस को काफ़ी मुतहर्रिक कर दिया गया है और ख़ुसूसी टीमों की तशकील दी गई जो अवाम में अफ़्वाहें फैलाने के इलावा हालात को मुकद्दर करने की कोशिशें करते हैं ।

उन्हों ने कहा कि अमन को बनाए रखने और आपसी भाई चारगी को प्रवान चढ़ाने के लिए आए दिन मुख़्तलिफ़ इक़दामात करते हुए महकमा पोलिस फ़िर्कावाराना हम आहंगी को फ़रोग़ देने में मसरूफ़-ए-अमल हैं और दोनों तबकों में दोस्ताना माहौल पैदा करने के लिए मुख़्तलिफ़ तरीक़ा इस्तिमाल करते हुए ज़िला आदिलाबाद में अमन बरक़रार रखा जा रहा है ।

नुमाइंदा के एक सवाल का जवाब देते हुए उन्हों ने कहा कि किसी भी मुक़ाम के हालात का असर अपने मुक़ाम पर नहीं लेना चाहीए क्योंकि फ़िर्कावारीयत ने कभी भी किसी का भी भला नहीं किया है । जहां कहीं फ़सादात‌ हुए हैं वहां वहां हालात काफ़ी तबदील हुए हैं और तरक़्क़ी थम चुकी है और तरक़्क़ी के लिए काफ़ी वक़्त दरकार होता है ।

उन्हों ने बताया कि मौजूदा सूरत-ए-हाल में अवाम अपने बच्चों के मुस्तक़बिल की फ़िक्रमंद होती जा रही है अगर हालात हमेशा तनाउ में रहे तो बच्चों में ख़ौफ़ का माहौल पैदा हो जाएगा जो उन के मुस्तक़बिल के लिए बहुत ख़तर नाक साबित होगा । चंद मुट्ठी भर अफ़राद जो दोनों तबकों में पाए जाते हैं उन्हें किसी के मुस्तक़बिल की परवाह नहीं होती है उन्हें परवाह होती है तो बस सिर्फ अपने नापाक इरादों को अमलीजामा पहनाने की ।

त्रिपाठी ने कहा कि वक़्त बदल रहा है अवाम में शऊर बेदार होता जा रहा है लोग फ़िर्कापरस्ती का चशमा उतारने में आफ़ियत समझ रहे हैं क्योंकि पुरअमन हालात ही ना सिर्फ शहर की तरक़्क़ी करसकते हैं बल्कि बच्चों के मुस्तक़बिल को ताबनाक बना सकते हैं । ज़िला एस पी ने कहा कि अमन और फ़िर्कावाराना हम आह‌नगी उस वक़्त ख़तम‌ होसकती है जब हिन्दू मुस्लिम में इत्तिहाद पैदा हों और नज़म-ओ-ज़बत की पाबंदी भी इस वक़्त मुम्किन है ।

जब मुख़्तलिफ़ तबकों के अफ़राद मामूली मामूली बातों को दरगुज़र करें । उन्हों ने कहा कि हिंदूस्तान एक सेक्युलर मुल्क है जहां सब को आज़ादी है लेकिन इस दौरान कुछ नाख़ुशगवार लमहात पैदा हूँ तो इस को फ़िर्कावारीयत पर ना बल्कि ऐसी लमहात को रोकने और किसी भी हस्सास मसला की यकसूई केलिए आपस में मिल जल कर समझौता के साथ हल करलीं । पुलिस तो अपना काम करेगी और क़ानून की ख़िलाफ़वरज़ी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा