फ़ौजी सरबराह को 14करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश

फ़ौजी सरबराह जनरल वी के सिंह ने आज ये सनसनीखेज़ इन्किशाफ़ किया है कि साल 2010 में रिटायर्ड डीफेंस ओहदेदार ने उन्हें 14 करोड़ रुपये रिश्वत की पेशकश की थी । इसके साथ ही हुकूमत की परेशानीयों में इज़ाफ़ा हो गया और ये सवाल पैदा हुआ कि फ़ौजी सरबराह ने अब तक इस हक़ीक़त को राज़ में क्यों रखा या फिर उन्होंने किसी मुताल्लिक़ा वज़ीर को वाक़िफ़ कराया था या नहीं ।

इसके इलावा उन्होंने रिश्वत की पेशकश करने वाले शख़्स के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा क्यों दर्ज कराया या फिर उस कंपनी को ब्लैक लिस्ट क़रार नहीं दिया गया जिसने मुबय्यना तौर पर इस तरह की पेशकश की थी । जनरल वी के सिंह ने 2010 में उन्हें रिश्वत की पेशकश करने वाले शख़्स का नाम नहीं बताया लेकिन ज़राए का कहना है कि ये मुआमलत टाइटरा ऐंड वकटरा लिमिटेड से मुताल्लिक़ है ।

जिसने एक कौंट्रैक़्ट के ज़रीया फ़ौज को ट्रिक्स फ़राहम किए थे । इस रिश्वत की पेशकश का मक़सद ये था कि फ़ौजी सरबराह मसह बिकती बोलियों का तरीका-ए-कार इख्तेयार ना करें । ट्रक तैयार करने वाली इस कंपनी ने मुबय्यना तौर पर रिश्वत के ज़रीया फ़ी ट्रक तक़रीबन 40 लाख रुपय की बचत की थी ।

इससे साफ़ वाज़िह है कि जुमला 1600 ट्रक्स के लिए जनरल वी के सिंह को मुबय्यना तौर पर जो 14करोड़ की पेशकश की गई वो फ़ी ट्रक तक़रीबन 88 हज़ार रुपये होती है । जनरल वी के सिंह ने एक रोज़नामा को दिए गए इंटरव्यू में बताया कि उन्हें ग़ैर मयारी ट्रक्स को मंज़ूरी देने के लिए ये पेशकश की गई थी । वज़ारत-ए-दिफ़ा ने कहा कि फ़ौज में से किसी ने भी टाईटरा के ज़रीया सरबराह किए गए ट्रक्स की कारकर्दगी के बारे में अब तक कोई शिकायत नहीं की है ।

ये चेक जमहूरीया की कंपनी है । वज़ारत-ए-दिफ़ा के जवाइंट सेक्रेटरी(लैंड सिस्टम्स ) रश्मि वर्मा ने कहा कि मुसल्लह फ़ौज से अब तक कोई शिकायत मौसूल नहीं हुई है । हुकूमत ने इस मुआमला की सी बी आई तहक़ीक़ात का हुक्म दे दिया है लेकिन कांग्रेस और बी जे पी दोनों जमातों ने कहा कि फ़ौजी सरबराह को रिटायर्ड ओहदेदार के ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज कराना चाहीए था । जनरल वी के सिंह का ये इस्तेदलाल है कि उन्हें रास्त रिश्वत की रक़म नहीं दी जा रही थी बल्कि बिलवास्ता तरीका-ए-कार इख्तेयार करने की कोशिश की गई थी इसीलिए किसी को भी गिरफ़्तार नहीं किया जा सकता ।

अगरचे कि उन्होंने इस ओहदेदार का नाम नहीं बताया लेकिन ऐसा मालूम होता है कि इन का निशाना साबिक़ लेफ्टीनेंट जनरल तेजिंदर सिंह हैं । वो इससे पहले हुकूमत और फ़ौजी सरबराह के माबैन इख्तेलाफ़ात पैदा करने की भी कोशिश कर रहे थे । तेजिंदर सिंह ने बहैसीयत डीफेंस इंटेलीजेंस सरबराह ख़िदमत अंजाम दी है । जनरल वी के सिंह ने बताया कि इंटर सेप्टर की दरकार मंज़ूरी के बगै़र ख़रीदारी के सिलसिला में तेजिंदर सिंह से पहले भी तफ़तीश की जा चुकी है ।

वज़ीर दिफ़ा मिस्टर ए के अनटोनी ने इस वाक़्या की सी बी आई तहकीकात का हुक्म दे दिया है । पार्लियामेंट में फ़ौजी सरबराह के इस इल्ज़ाम के बाद ज़बरदस्त हंगामा हुआ और अपोज़ीशन जमातों ने इल्ज़ाम आइद किया कि ये मुआमला इंतिहाई संगीन नवीत का है और हुकूमत उस को मंज़र-ए-आम पर लाने के लिए कुछ भी नहीं कर रही है ।

जनरल वी के सिंह ने कहा कि वो इस पेशकश पर हैरतज़दा रह गए थे और इसकी इत्तिला उन्होंने वज़ीर दिफ़ा मिस्टर ए के अनटोनी को दी थी । मिस्टर अनटोनी ने ये इत्तिला मिलने पर सिर्फ सर हिलाया और जवाब दिया कि इस तरह के अफ़राद को दूर रखा जाना चाहीए । जनरल सिंह ने ये वाज़िह नहीं किया कि ये सारा वाक़िया कब पेश आया है और ना ही उन्होंने इन को रिश्वत की पेशकश करने वाले शख़्स का नाम ज़ाहिर किया है ।