फ़ौज के तख़लिया से क़ब्ल ओबामा की अचानक अफ़्ग़ानिस्तान आमद

सदर अमरीका बराक ओबामा ने आज पूरी राज़दारी के साथ रात की तारीकी में अचानक अफ़्ग़ानिस्तान का दौरा क्या । अमरीका की तवील तरीन जंग के बाद अमरीकी फ़ौज के तख़लिया से चंद हफ़्तों क़ब्ल ओबामा का ये अचानक दौरा अमरीकी सिपाहीयों के लिए हैरानकुन था – ओबामा का ये अचानक दौरा एक ऐसे वक़्त में हुआ जब अमरीका और नाटो की फ़ौज को अफ़्ग़ानिस्तान से वापिस तलब किया जा रहा है ।

ओबामा चाहते हैं कि अफ़्ग़ानिस्तान में 2014 के इख़तताम तक अमरीकी फ़ौज की मुख़्तसर तादाद बरक़रार रहे ताकि अफ़्ग़ान स्कियोरिटी फ़ोर्स को तर्बीयत दी जा सके और इन्सिदाद-ए-दहशत गर्दी उमूर अंजाम दे सके। लेकिन इस मंसूबा को हामिद करज़ई के जांनशीन की जानिब से दस्तख़त किए जाने के बाद भी क़तईयत दी जाएगी।

इस बाहमी स्कियोरिटी इंतिज़ामात के मुआहिदा पर हामिद करज़ई ने दस्तख़त करने से इनकार किया था । ओबामा के डिप्टी नैशनल स्कियोरटी के एडवाइज़र बैन रोड्स ने कहा कि सदर अमरीका ने फ़ौज के फ़ैसले को क़तईयत देदी है और उन के दौरा अफ़्ग़ानिस्तान के दौरान भी किसी किस्म के ऐलान का इमकान नहीं है।

गुज़श्ता 13 साल के दौरान अफ़्ग़ानिस्तान में ज़ाइद अज़ 2181 अमरीकी सिपाही हलाकहोचुके हैं । इस के इलावा हज़ारों अमरीकी सिपाही ज़ख़मी हुए हैं । अफ़्ग़ानिस्तान में हनूज़ 32800 अमरीकी सिपाही मौजूद हैं । 2010-के वस्त में यहां से तक़रीबन एक लाख अमरीकी सिपाहीयों का तख़लिया करा गया है।