फ़ौलादी सनअत बंद होने के दहाने पर

रियास्ती हुकूमत की तरफ से बर्क़ी पर फ़्यूल सरचार्ज अडजसटमनट (FSA) ने सनअती शोबा को बरी तरह मुतास्सिर किया है। फ़ैडरेशन आफ़ आंध्र प्रदेश चैंबर्स आफ़ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्रीज़ ने कहा कि एफ़ एसए की वजह से रियासत में फ़ौलाद की सनअत बोहरान का शिकार होगई है।

सदर फ़ैडरेशन देवेंद्र सुराणा ने कहा कि पिछ्ले 16 माह के दौरान बर्क़ी कटौती की वजह से फ़ौलादी सनअतों की पैदावार में 40 ता 60फ़ीसद कमी वाक़्य हुई है, इन का माली मौक़िफ़ इस क़दर कमज़ोर होचुका है कि वो नवंबर के बर्क़ी बलज़ अदा करने के मौक़िफ़ में भी नहीं हैं क्योंके हुकूमत ने इस माह बर्क़ी बलज़ में एफ़ एसए को शामिल करते हुए 35 ता 50 फ़ीसद इज़ाफ़ा कर दिया है।

उन्हों ने एक मिसाला पेश करते हुए बताया कि एक बर्क़ी बिल तक़रीबन 70 लाख का है और इस में एफ़ एसए की रक़म 35 लाख है। इसी तरह एक और बर्क़ी बिल 4 करोड़ रुपये का है और इस में एफ़ एसए 1.41 करोड़ रुपये है।

सुराणा ने कहा कि फ़ौलाद की सनअत के लिए बर्क़ी नागुज़ीर होती है और पैदावार की लागत का 40 फ़ीसद हिस्सा बर्क़ी पर मुनहसिर होता है।

पिछ्ले दीढ़ साल के दौरान बर्क़ी कटौती की वजह से पैदावार और फ़ौलाद की फ़रोख़त में नुमायां कमी वाक़्य हुई है।

उन्हों ने कहा कि फ़ौलादी सनअत से वाबस्ता शोबे में इतनी दौलत नहीं कि वो अपने मसारिफ़ की पा बजाई करसके। संगीन माली बोहरान ने सारी सनअत को बंद करने के दहाने पर लाखड़ा किया है।

इस ज़िमन में उन्हों ने हुकूमत से ज़रूरी इक़दामात की ख़ाहिश की।