“फ़्री सेक्स” की बहस में BJP ‘समर्थक’ ने दी गालियाँ, कविता कृष्णन ने सम्भाला मोर्चा

फेसबुक पर लोग अलग अलग क़िस्म की बातें करते रहते हैं और अक्सर लोग राजनीतिक मसलों पर अपने विचार ज़ाहिर करते रहते हैं लेकिन अक्सर ये भी देखा गया है कि कुछ लोग जब आपसे इत्तेफ़ाक़ नहीं रखते तो फिर आपको बुरा भला कहने लगते हैं. कुछ ऐसा ही हुआ कविता कृष्णन के साथ. कविता जो कि एक सोशल एक्टिविस्ट हैं राजनीतिक मुद्दों पर अपनी बात कहती रहती हैं, इसी तरह उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट 27 अप्रैल के रोज़ डाली, जवाहर लाल यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हो रहे अत्याचार पर अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपने स्टेटस में “फ़्री सेक्स” को लेकर बात कही, उनका मतलब “फ़्री सेक्स” से बस इतना था कि जब भी कोई किसी के साथ सेक्स करे तो दोनों की मर्ज़ी होना ज़ुरूरी है लेकिन जैसा के आजकल आम हो चुका है उनको कमेंट में गाली देने के लिए लोग पहुँच गए और GM Das नामक फेसबुक ID से कमेंट हुआ कि “अपनी माँ/बेटियों से पूछो कि क्या उन्होंने “फ़्री सेक्स” किया है”,

Facebook पे हमारे पेज को लाइक करने के लिए क्लिक करिये

इस वाहियात कमेंट का जवाब कविता ने दिया और कहा कि “जी हाँ मेरी माँ ने ‘फ़्री सेक्स’ किया है, चूंकि अगर औरत आज़ाद नहीं होगी तो वो रेप कहलाता है, समझे”, कविता की माँ ने भी इसके बाद कमेंट पर GM Das को लताड़ा. कविता का कहना था कि शादी शुदा जोड़े भी जब सेक्स करें तो दोनों की मर्ज़ी होना ज़रूरी है अगर ऐसा नहीं है तो वो रेप है.

इतना ही नहीं एक भाजपा समर्थक सुमंत भट्टाचार्य ने मर्यादा की सारी हदें पार कर दीं और एक निहायत ही वाहियात कुतर्क में कविता से कहा कि इंडिया गेट पर उनके साथ वो सेक्स करने का इंतज़ार कर रहे हैं.. और बाद में कहता है कि इंडियन सनातनी कल्चर से पंगा मत लो. ये शर्मनाक है.

कविता कृष्णन की आवाज़ को दबाने के लिए उन पर नस्ली टिप्पड़ियां भी की गयीं लेकिन कविता ने इन सब बातों का मुकाबला किया है और अपनी बातें कह रही हैं और सच के लिए लड़ रही हैं

इस मामले पर जारी ताज़ा फेसबुक पोस्ट में उन्होंने स्मृति इरानी और दूसरे बीजेपी नेताओं से सवाल पूछा है कि क्या यही हैं “अच्छे दिन!”

(अरग़वान रब्बही)