‘थप्पड़ थेरपी’ से 7 साल के बच्चे की मौत

सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में एक चाइनीज थेरपिस्ट की ‘थप्पड़ थेरपी’ की वजह से सात साल के एक बच्चे की मौत हो गई. सिडनी की पुलिस मामले की जांच कर रही है. 7 साल के एडन फेंटन डायबीटीक थे और अपनी वालदा के साथ थेरपिस्ट शाओ होंग्ची की वर्कशॉप में आए थे. चीन के शाओ होंग्ची सिडनी वाके हर्स्टवील के पैन हेल्थ मेडिकल सेंटर में अपना वर्कशॉप चलाथे थे.

इब्तिदायी जांच में पता चला है कि एडन ने इंसुलिन लेना बंद कर दिया था और उनका इलाज सिर्फ होंग्ची के थेरपी से हो रहा था.

थेरपी लेने के बाद एडन फेंटन हर्स्टवील के एक होटेल में बेहोश हो गए.घर वालों ने ऐम्बुलेंस बुलाया, जिसने आते ही एडन को सीपीआर (मसनूई तौर पर ऑक्सीजन) देने की कोशिश की, लेकिन फिर ज़ाय वाकिया पर ही उन्हें मुर्दा ऐलान कर दिया गया.

पुलिस ने इस मामले को दर्ज कर शाओ होंग्ची से पूछताछ की. हालांकि इस पूछताछ के बाद होंग्ची ऑस्ट्रेलिया से निकल अपने मुल्क लौट गए हैं. फेंटन के खानदान वालो ने बताया कि ‘थप्पड़ थेरपी’ के वर्कशॉप में एक सप्ताह का खर्च 1800 डॉलर का आता था.

शाओ होंग्ची के ‘थप्पड़ थेरपी’ वर्कशॉप में हिस्सा लेने वालों को तीन दिन तक फास्टिंग (बिना खाए-पिए) रखने को कहा जाता था. इसके बाद उनकी बीमारियों को ठीक करने के नाम पर थप्पड़, जिस्म के आज़ा /स्किन को जोर से खींचने का अमल किया जाता था . बहुतों ने इस वर्कशॉप के दौरान चक्कर आने और उल्टी की शिकायत की थी. आपको बता दें कि शाओ होंग्ची इस पेशे में आने से पहले एक इंवेस्टमेंट बैंकर थे. अब वह ‘पैडा लाजिन’ नाम की थेरपी का वर्कशॉप चलाते हैं, जिसमें डायबीटीज और हाइपर टेंशन की बीमारी को थप्पड़ मार कर और जिस्म के मुख्तलिफ आज़ा को खींच कर ठीक करने का दावा किया जाता है.