चीन में मीडिया को शायद अमरीकी सदर बारक ओबामा का दौरे हिंद करना पसंद नहीं आया क्योंकि यही वजह है कि मीडिया में सफ़हात के सफ़हात ये कह कर स्याह किए जा रहे हैं कि मोदी और ओबामा के रोमांस से चीन को ज़र्रा बराबर ख़ाइफ़ होने की ज़रूरत नहीं क्योंकि दोनों क़ाइदीन के दरमयान भी मुश्किल और पेचीदा नौईयत की बातचीत अब तक बाक़ी है।
सरकारी अख़बार ग्लोबल टाईम्स में शाय हुए एक मज़मून में वाज़ेह तौर पर कहा गया है कि हिंद – अमरीका एक दूसरे से अपने बाहमी ताल्लुक़ात को मुस्तहकम करने जिस तरह बेचैन नज़र आ रहे हैं वो कोई काबिले तशवीश बात नहीं और ना ही मोदी – ओबामा रोमांस से दोनों ममालिक (हिंद – अमरीका) के बाहमी ताल्लुक़ात में इस्तिहकाम पैदा होने के इमकानात हैं।
इस अख़बार में गुज़िश्ता कई दिनों से मुख़्तलिफ़ मज़ामीन शाय किए गए हैं जो अमरीकी सदर बारक ओबामा के दूसरे दौरे हिंद पर पैदा हुई तशवीश से रक़म थे जबकि चीनी तजज़िया निगारों का ये भी कहना है कि बारक ओबामा का दौरे हिंद दरअसल हिंद – चीन ताल्लुक़ात में बिगाड़ पैदा करने के लिए किया गया है।
ओबामा ने भी अपनी तक़रीर के दौरान कहा था कि वो ऐसे पहले अमरीकी सदर बन गए हैं जिन्हों ने हिंदुस्तान का दोबारा दौरा किया और तवक़्क़ो करते हैं कि वो उसे आख़िरी सदर नहीं होंगे।