अमरीका का कहना है कि इस के पास शामी हुकूमत की जानिब से बाग़ीयों पर कीमीयाई गैस “सारन” इस्तेमाल करने के शवाहिद मौजूद हैं ताहम इस का चर्चा 80 की दहाई में हुआ जब ईराक़ी सदर सद्दाम हुसैन ने उसे कुर्दों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल किया।
“सारन” एक इंतिहाई मोहलिक आसाब शिकन गैस है जिसे नाज़ी साईंसदानों ने 1938 में इजाद किया। “सारन” को हशरातकश दवा समझा जाता है और 1990 में जापान में भी इस का वसीअ इस्तेमाल किया गया।
“सारन” गैस के हमले की सूरत में अगर ये सांस के ज़रीए या जिल्द में जज़्ब होकर जिस्म में दाख़िल हो जाए तो ये मर्कज़ी आसाबी निज़ाम को शदीद नुक़्सान पहुंचाती है और फेफड़ों के गुर्द पट्ठों को मफ़लूज कर देती है जिस से इंसानी की मौत मिनटों में वाक़े हो जाती है।