1.52 लाख करोड़ रुपए टैक्स चोरी की देश भर के कंपनियों ने बीते 3.3 सालों में

नई दिल्ली : वित्त मंत्रालय के की ओर से जारी इस सूचना में अप्रैल 2014 से जून 2017 तक कंपनियों की गुप्त राशि का जिक्र है। यह राशि इतनी है कि बेंगलुरु शहर को 19 सालों तक या फिर मुंबई महानगर को 7 सालों तक आराम से चलाया जा सकता है।

बीते 3 साल 3 महीनों में 1.52 लाख करोड़ रुपए में से 76 हजार 239.22 करोड़ रुपए डायरेक्ट टैक्स के फॉर्म में है और बाकी बची 76 हजार 535.42 करोड़ की राशि इनडायरेक्ट टैक्स के फॉर्म में है। इसमें सर्विस टैक्स (47,188.95 करोड़), कस्टम (10,392.19 करोड़) और सेंट्रल एक्साइज (18,954.28 करोड़) भी शामिल है।

हालांकि, मल्टिनैशनल कंपनियों के लिए कोई अलग डेटा निर्धारित नहीं है, लेकिन वित्त मंत्रालय ने कहा है कि टैक्स चोरी में शामिल सभी कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की शुरुआत हो चुकी है। मंत्रालय के अनुसार, इस मामले में खोज, सर्वे, आय का निर्धारण, टैक्स की वसूली, जुर्माना और क्रिमिनल कोर्ट के सामने अभियोजन दायर करने का काम शुरू हो चुका है।

डेटा के अनुसार, 2,246 फर्म्स ने 3,9852.86 करोड़ रुपए की आय का खुलासा नहीं करने की बात स्वीकार ली है। मंत्रालय के सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, पूरी प्रक्रिया के पूरा नहीं हो जाने तक कंपनियों के नाम उजागर नहीं हो सकते हैं। सेंट्रल एक्साइज, सर्विस टैक्स और कस्टम की चोरी के तरीकों का भी पता लगाया जा रहा है।

2017-18 के लिए बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका (BBMP) का बजट करीब 8 हजार करोड़ रुपए का है, जबकि बॉम्बे म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (बीएमसी) का बजट 25 हजार करोड़ रुपए का है। चोरी हुए 1.52 लाख करोड़ रुपयों के टैक्स के हिसाब से देखा जाए तो इस राशि से बेंगलुरु शहर को 19 सालों तक या फिर मुंबई को 7 सालों तक चलाया जा सकता है।