1.62 लाख से अधिक कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द

नई दिल्ली: सरकार ने 1.62 लाख से अधिक कंपनियों को जो लंबे समय से व्यापार गतिविधियां अंजाम नहीं दे रही थीं, पंजीकरण समाप्त कर दिया है। इनमें मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद की फर्म्स आधे से अधिक संख्या में हैं। मिनिस्टर आफ़ स्टेट कारपोरेट मामलों अर्जुन राम मेघवाल ने आज राज्यसभा को लिखित उत्तर में बताया कि कंपनीज एक्ट 2013 की धारा 248 के तहत 1,62,618 कंपनियों 12 जुलाई 2017 तक रजिस्टर ऑफ कंपनीज से हटा दिया गया है।

इस धारा के तहत पंजीटरार आफ कंपनीज को यह अधिकार प्राप्त है कि विभिन्न कारणों जैसे वाणिज्यिक गतिविधियों को अंजाम न देने या फिर संदिग्ध गतिविधियों की वजह पंजीकरण रद्द कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इन कंपनियों में मुंबई की 33,000, दिल्ली की 22,863 और हैदराबाद की 20,588 फर्म्स शामिल हैं।

पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि नोटबंदी के बाद 37,000 फर्जी कंपनियों को जो टैक्स से बच रही थीं उनकी पहचान की गई और तीन लाख से अधिक फर्म्स संदिग्ध व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में जांच की जा रही है। सरकार ने एक लाख से अधिक कंपनियों का पंजीकरण एक ही समय में रद्द कर दिया था और 37,000 से अधिक फर्जी फर्म्स पहचान थी जिनके खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करार दी गई थी।