10 एमएलए-एमपी को इन्कम टैक्स का नोटिस

पटना : इन्कम टैक्स महकमा ने पांच साल में पांच गुनी से ज्यादा की जायदाद बढ़ने का हिसाब नहीं देनेवाले 10 एमएलए-एमपी को वजह बताओ नोटिस जारी किया है। अब इन्हें सात दिनों में जवाब देना है। इसके बाद भी जवाब नहीं देनेवाले एमएलए-एमपी को सम्मन जारी कर इन्कम टैक्स महकमा में हाजिर होने के लिए कहा जायेगा। इस सूरत में मुतल्लिक़ एमएलए-एमपी को हर हाल में हाजिर होकर अपनी जायदाद में हुई इजाफे की वजह बताना पड़ेगा । सितंबर, 2015 में ही ऐसे 16 एमएलए-एमपी पर नोटिस जारी किया गया था । इनमें कई मौजूदा इंतिख़ाब हार चुके हैं ।

इसके अलावा जिन एमएलए-एमपी ने महकमा की तरफ से कई बार नोटिस जारी करने के बाद भी जवाब नहीं दिया है, उन पर जुर्माना भी किया जा सकता है। हर नोटिस की तारीख पर डिफॉल्ट होने की सूरत में 10 हजार रुपये फी तारीख की शरह से जुर्माना ठोकने की तजवीज है। अगर किसी नुमाइंदे ने पांच बार नोटिस मिलने के बाद भी उसने जवाब नहीं दिया है, तो उस पर इन्कम टैक्स महकमा 50 हजार रुपये जुर्माना लगा सकता है।

इन्होंने दे दिया है जवाब

एमपी : शत्रुघ्न सिंहा (पटना साहिब), हरि मांझी (गया) और सुशील कुमार सिंह (औरंगाबाद)
एमएलए व साबिक़ एमएलए : जीतन राम मांझी (इमामगंज), गुड्डी देवी (रुन्नीसैदपुर) और नरेंद्र नारायण यादव (आलमनगर)

4 महीने में तीन एमपी व तीन एमएलए ने ही दिया जवाब

इन्कम टैक्स महकमा ने चार एमपी और 12 वैसे एमएलए पर सितंबर, 2015 में नोटिस जारी किया था, जिन्होंने 2009 से 2014 के दरमियान पांच साल के दौरान पांच गुने से ज्यादा की जायदाद जमा कर ली है। इन्हें इन्कम टैक्स को अपना इनकम टैक्स रिटर्न समेत तमाम कागजात जमा करना था और जायदाद में हुई इतनी ज़्यादा इजाफा का वजह बताना था। लेकिन, चार महीने बाद भी इस 16 अवामी नुमाइंदे में महज छह ने ही जवाब दिया है। इस दरमियान इन्कम टैक्स ने इन्हें कई बार नोटिस भी भेजा। बावजूद इसके अभी तक जवाब नहीं मिला है।

जिन तीन एमपी और तीन एमएलए ने अपना इन्कम टैक्स रिटर्न समेत अपनी जायदाद बढ़ने से जुड़े कागजात जमा किये हैं, उनकी जांच इन्कम टैक्स महकमा ने शुरू कर दी है। जिन्होंने जवाब दिये हैं, वह सही है या नहीं, इसकी जांच की जायेगी। कागजात सही मिलने पर ही इसे सही माना जायेगा।

इन्होंने नहीं दिया जवाब

एमपी : भोला सिंह (बेगूसराय)

एमएलए व साबिक़ एमएलए : पूर्णिमा यादव (नवादा), श्रवण कुमार (नालंदा), प्रेमरंजन पटेल (सूर्यगढ़ा), मो तौसिफ आलम (बहादुरगंज), कृष्ण नंदन पासवान (हरसिद्धि), मनोज कुमार सिंह (कुढ़नी), रमेश ऋषिदेव (सिंहेश्वर), पन्ना लाल पटेल (बेलदौर) और सुनील पांडेय (तरारी)