10 साल बाद बेन राज्य परिषद की बैठक

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मांगी गई इंटर स्टेट काउंसिल की बैठक में बेन राज्य संबंध, आंतरिक सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक योजना के मामलों शीर्ष रहेंगे। यह बैठक 10 साल के लंबे अंतराल के बाद 16 जुलाई को आयोजित किया जा रहा है जिसमें सभी राज्यों के मुख्य मिनिस्टर्स के साथ 17 केंद्रीय मंत्रियों की भागीदारी की उम्मीद है। इसके अलावा बैठक में स्कूल शिक्षा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना, आधार कार्ड, अच्छी शासन और अनुसूचित जातियों और आदिवासी के लोगों के खिलाफ अत्याचार पर भी चर्चा की जाएगी।

बेन राज्य परिषद के अध्यक्ष प्रधानमंत्री सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य मिनिस्टर्स और सदस्य हैं जबकि 6 केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह (गृह), सुषमा स्वराज (विदेश मंत्री) अरुण जेटली (वित्त) एम वेंकैया नायडू (शहरी विकास) नयतन गडकरी (सड़क परिवहन) मनोहर पर्रिकर (रक्षा) नामित सदस्यों और अन्य 11 मंत्रियों स्थायी आमंत्रितों में शामिल हैं।

उक्त परिषद की पिछली बैठक 2006 में आयोजित किया गया था, यूपीए सरकार ने अपनी 10 वर्षीय कार्यकाल में केवल दो बार यह बैठक बुलाई थी जबकि संविधान के अनुच्छेद 263 के तहत राष्ट्रपति के आदेश द्वारा 20 मई 1990 बेन राज्य परिषद का गठन किया गया था ताकि केंद्र और राज्य सरकारों के विकल्प पर चर्चा की जा सके।