100 दिन का एक्शण प्लान, पुराना शहर महरूम, ज़िम्मेदार कोन?

हैदराबाद 10 मई: हैदराबाद और खास्कर पुराने शहर की तरक़्क़ी के लिए हुकूमतों ने हमेशा मुख़्तलिफ़ पैकेजस का एलान किया लेकिन ये एलानात हक़ीक़त में तबदील नहीं हो सके। क्या हुकूमत पुराने शहर की तरक़्क़ी में संजीदा नहीं है या फिर पुराने शहर की नुमाइंदगी करने वालों को इलाके की तरक़्क़ी मंज़ूर नहीं? ये एसे सवालात हैं कि हमेशा अवाम के ज़हनों में गशत करते रहे हैं।

हुकूमत और ओहदेदारों का कहना है कि वो नए शहर की तर्ज़ पर पुराने शहर की तरक़्क़ी की ख़ाहां हैं और इस के लिए दरकार बजट भी मंज़ूर किया जाएगा लेकिन मुक़ामी अवामी नुमाइंदों ने कभी भी बजट की मंज़ूरी और तरक़्क़ीयाती स्कीमात के लिए हुकूमत पर दबाओ नहीं बनाया। शायद यही वजह है कि पुराने शहर के लिए सिर्फ एलानात ही मुक़द्दर बन चुकी है।

डॉ वाईएस राज शेखर रेड्डी ने पुराने शहर की तरक़्क़ी के लिए 2000 करोड़ के पैकेज का एलान किया था लेकिन उनकी मौत के बाद ये पैकेज नज़र अंदाज़ हो गया। उनके बाद आने वाले चीफ़ मिनिस्टर्स ने पैकेज में अमल आवरी में दलचपसी नहीं दिखाई और अवामी नुमाइंदों ने भी हुकूमत को तवज्जा नहीं दिलाई।

इसी तरह पुराने शहर के मसाइल में दिन-ब-दिन ही इज़ाफ़ा होता जा रहा है। टीआरएस हुकूमत ने पुराने शहर में सड़कों की तौसी, ट्रैफ़िक मसले से निमटने के लिए ओवर ब्रिज की तामीर, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट, चंचलगुडा जेल और रेस कोर्स की मुंतकली का एलान किया था लेकिन एक भी वासे पर दो बरसों में अमल आवरी का आग़ाज़ तक नहीं हो सका। पुराने शहर को नज़रअंदाज करने की ताज़ा मिसाल वज़ीर इन्फ़ार्मेशन टेक्नालोजी केटी रामा राव‌ को 100 दिन का एक्शण प्लान है।

वज़ीर बलदी नज़म-ओ-नसक़ की हैसियत से जायज़ा हासिल करते ही केटीआर ने हैदराबाद के इंचार्ज वज़ीर की हैसियत से शहर की तरक़्क़ी के लिए 100 दिन के एक्शण प्लान का एलान किया था। एक्शण प्लान की मुद्दत के ख़त्म होने के लिए सिर्फ 3 हफ़्ते बाक़ी हैं लेकिन कई अहम एलानात पर अभी अमल नहीं किया गया।

केटीआर के 100 रोज़ा एक्शण प्लान में पुराने शहर के लिए कोई अलाहिदा तरक़्क़ीयाती मन्सूबा शामिल नहीं था जिसकी वजह से मजलिस बलदिया में सड़कों की तौसी और दुसरे बुनियादी सहूलतों की फ़राहमी जैसे काम भी अंजाम नहीं दिए हैं।

केटीआर ने पुराने शहर के लिए सिर्फ एक प्रोजेक्ट पर तवज्जा मबज़ूल की जो चारमीनार पैदल राह-रौ प्रोजेक्ट है। ये प्रोजेक्ट पिछ्ले तक़रीबन 10 बरसों से तकमील के मरहले में है। 100 दिन के एक्शण प्लान में ग्रेटर हैदराबाद मुंसिपल कारपोरेशन , हैदराबाद मेट्रो वाटर वर्क़्स , एच एम डी ए और एचएमआर जैसे इदारे शामिल हैं लेकिन पुराने शहर की तरक़्क़ी के लिए क़ायम करदा क़ुली क़ुतुब अर्बन डेवलपमेंट अथॉरीटी को नज़रअंदाज कर दिया गया।