उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने आज कहा कि ‘‘हिंसा की विचारधाराओं और परिपाटियों’’ का सहारा लेने की तरफ भारत के मुस्लिमों का कोई झुकाव नहीं है । उन्होंने मोरक्को के शोधार्थियों को विविधता की स्वीकार्यता को लेकर भारत की ओर से की गई कोशिशों की झलक से भी अवगत कराया ।
अंसारी ने कहा, ‘‘आधुनिक भारत में मुस्लिमों को लेकर अनुभव यह है कि इस्लाम में आस्था रखने वाले लोग इसके नागरिक हैं, वे खुद को संविधान की ओर से दिए गए अधिकारों की गारंटी का लाभार्थी मानते हैं, राजव्यवस्था की प्रक्रियाओं में पूरी भागीदारी करते हैं और व्यवस्था के भीतर रहकर अपनी शिकायतों के समाधान के कदम उठाते हैं ।’’ अपनी यात्रा के आखिरी दिन मोरक्को की राजधानी रबात स्थित मोहम्मद वी यूनिवर्सिटी में एक व्याख्यान देते हुए उप-राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हिंसा की विचारधाराओं और परिपाटियों का सहारा लेने की तरफ उनमें कोई झुकाव नहीं है ।’’ उप-राष्ट्रपति ने कहा कि भारत के मुस्लिम एक हजार साल से भी ज्यादा समय से अपने देश के धार्मिक तौर पर बहुलवादी समाज में रहे हैं और आधुनिक भारत एवं एक बहुलवादी समाज के वजूद से जुड़ी वास्तविकता पर इसका प्रभाव है । इसी आधार पर एक लोकतांत्रिक राजव्यवस्था एवं एक धर्मनिरपेक्ष शासन संरचना का निर्माण हो सका ।
मोहम्मद वी यूनिवर्सिटी में मानद डॉक्ट्रेट से नवाजे गए अंसारी ने कहा, ‘‘हमारे वैश्वीकृत संसार में भारतीय मॉडल प्रासंगिक है, क्योंकि भारत में सहनशीलता के पारंपरिक गुण और विविधता की स्वीकार्यता से आगे देखने की कोशिश और इसे एक नागरिक गुण के तौर पर अपनाने की कोशिश की गई है ।’’
(भाषा)