नई दिल्ली: 106 साल की उम्र वाले बुजुर्ग स्वतन्त्रता सेनानी नसीम मिर्जा चंगेज़ी का दावा है कि उन्होंने 1929 में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह से उस वक़्त मुलाकात की थी जब वह दिल्ली की जामा मस्जिद इलाके में रह रहा था और उन्होंने उसे अंग्रेजों की सत्ता के खिलाफ आंदोलन करने के लिए आगाह भी किया था |
स्वतंत्रता सेनानी, चंगेज़ी ने बताया कि जब युवा भगत सिंह को केन्द्रीय विधान सभा में बम विस्फोट की योजना बनाने का काम दिया गया था उन्होंने भगत सिंह के लिए भोजन की नियमित आपूर्ति की थी |
चंगेज़ी ने आईएएनएस को बताया कि “शहीद भगत सिंह भारत को आज़ाद देखना चाहता था, वह ब्रिटिश सरकार को दिखाना चाहता था कि उनकी मज़बूत सुरक्षा व्यवस्था के बावुजूद भी वह केन्द्रीय विधान सभा में घुस आया है । उन्होंने कहा कि मैं उसे रोकने की कोशिश की, और उसको ब्रिटिश सरकार के बारे में आगाह भी किया था कि अगर तुम्हें उम्रकैद हो जाएगी या फिर फांसी पर लटका दिए जाओगे,लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी” |
भगत सिंह को 1931 में लाहौर जेल में फांसी पर लटका दिया गया था जबकि चंगेजी अभी भी जीवित हैं |उन्होंने कहा कि अगर सरकार को मेरे बारे में ये पता चल गया होता कि मैंने भगत सिंह को पनाह दी है मुझे भी फांसी पर लटका दिया जाता |
चंगेज़ी ने मायूस होते हुए कहा कि भारत को आज़ादी तो मिल गयी है लेकिन ये वो आज़ादी नहीं है जिसका सपना भगत सिंह ने देखा था जहाँ सभी लोग शांति और भाईचारे के साथ रहें |ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीय शांति और भाईचारे के साथ रहते थे लेकिन अब ऐसा माहौल नहीं रहा है अगर स्वतन्त्रता सेनानी आज के दौर को देखेंगे तो बहुत मायूस होंगे |
उन्होंने ने बताया कि कैसे क्रांतिकारी नेता रासबिहारी बोस ने दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) का गठन किया और युवाओं को बम बनाना सिखाया उन्होंने पंजाब जाकर भी युवाओं को बम बनाना सिखाया फिर वह जापान चले गये | सुभाष चंद्र बोस भी वहां गये थे लेकिन एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गयी थी | उन्होंने कहा कि मैं मरना नहीं चाहता था मैं भारत की आज़ादी देखना चाहता था |
कोई भी डाक्टर चंगेज़ी की लंबी उम्र के राज़ को नहीं जान सका है उनकी लंबी उम्र के राज़ के बारे में मालूम किया जाने पर उन्होंने बताया कि वह कम खाते हैं ,कम बोलते हैं ,और कम सोते हैं |
उन्होंने अपनी जवानी के दौरान की बातों को याद करते हुए बताया कि हॉकी चैंपियन थे और वह महान हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद के साथ भी हॉकी खेलते थे |
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 मार्च को शहीद दिवस के अवसर पर दिल्ली विधान सभा में भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव की प्रतिमाओं अनावरण के साथ बुजुर्ग स्वतन्त्रता सेनानी नसीम मिर्जा चंगेज़ी को भी सम्मानित किया था |