हैदराबाद 24 जनवरी : 12 फ़ीसद मुस्लिम तहफ़्फुज़ात से 50 हज़ार मुसलमानों को फ़ायदा हो सकता है लेकिन मजलिस ने एवान असेंबली में ना ही इस मसले को उठाया और ना इस पर अमल आवरी के लिए हुकूमत पर दबाव डाला यही नहीं बल्कि मजलिस अब सिर्फ नाम के लिए मुसलमानों की जमात बन गई है क्युं कि विक़ारुद्दीन एनकाउंटर और किशनबाग़ फायरिंग वाक़िये पर जिस तरह मजलिस ने ख़ामोशी इख़तियार की है इस से अवाम को अब चौकन्ना रहने की ज़रूरत है।
साबिक़ में मजलिस हरवक़त मुसलमानों पर होने वाले ज़ुलम पर आवाज़ उठाया करती थी अब सिर्फ जिधर रयाल इधर ख़्याल की पालिसी का मुआमला चल रहा है। पुराने शहर के इलाके में कांग्रेस पार्टी के लिए चुनाव मुहिम चलाते हुए सदर प्रदेश कांग्रेस कमेटी उत्तम कुमार रेड्डी , मुहम्मद ग़ौस उम्मीदवार, शेख़ अबदुल्लाह सुहेल के अलावा दुसरें ने अपने इन ख़्यालात का इज़हार किया।
मुहम्मद ग़ौस साबिक़ कारपोरीटर ने कहा कि उनकी कारकर्दगी से अवाम वाक़िफ़ हैं। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में सेक्युलर पार्टीयों की कामयाबी पर मैंने आतशबाज़ी की थी , जिसकी मुझे सज़ा दी गई। आजकल मजलिस में चापलूसों की सरपरस्ती की जा रही है। मौजूदा क़ियादत आमिराना रवैया इख़तियार किए हुए है और सिंह परिवार की एजेंट बन कर कर काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले हर एक से हाथ मिलाना और बाद चुनाव हाथ मिलाना तो दूर आँख ना मिलाना सदर की फ़ित्रत बन गई है। मुहम्मद ग़ौस ने मजलिसी क़ियादत को शदीद तन्क़ीद का निशाना बनाते हुए कहा कि जो क़ियादत हैदराबाद के अपने घर में 150 डीवीझ़न पर मुक़ाबला करने की ताक़त नहीं रखती वो क्युं दुसरे रियासतों के ताल्लुक़ से सोनच रही है।
मुल्क भर में फ़िर्कापरस्त ताक़तों और बीजेपी से मुक़ाबिला करने वाली कांग्रेस हैदराबाद की अज़मत रफ़्ता की बहाली के लिए अब पुराने शहर में दाख़िल हुई है और क़ियादत के मुआमलात को अवाम के सामने पेश करने में कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ेगी। उन्होंने कहा कि मजलिसी क़ाइदीन की तरक़्क़ी हुई है जब कि पुराने शहर की पसमांदगी हुई है ।