करीमनगर 04 नवंबर: मुसलमानों को परेशान, मायूस होने की ज़रूरत नहीं। हुकूमतें बदलती रहती हैं , रियासत की तक़सीम से मुसलमानों की तर्ज़-ए-ज़िदंगी हालात पर कोई फ़र्क़ पड़ने वाला नहीं। मुसलमानों को बे-ख़ौफ़ , हिम्मत-ओहौसले के साथ मुत्तहिद हो कर मुल्क की सलामती के लिए काम करना होगा।
मुस्लमान कभी मायूस , बेबस नहीं होता। अल्लाह पर भरोसा रखना चाहीए। करीमनगर के मज़ाफ़ाती मुक़ाम रीकरती मुदर्रिसा हिफ़्ज़ उल-क़ुरआन के अहाते में करीमनगर और अतराफ़-ओ-अकनाफ़ के सदूर-ओ-नायब सदर , सेक्रेटरीज़ के इजतेमा से मौलाना हाफ़िज़ पीर शब्बीर अहमद सदर रियासती जमिअतुल उलमा ने ख़िताब करते हुए इन ख़्यालात का इज़हार किया।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों एक मीटिंग का इनइक़ाद अमल में लाया गया था जिसमें दो अहम मौज़ूआत पर अवाम में शऊर बेदारी पैदा करने का फ़ैसला किया गया जिसमें एक मसला रियासत तेलंगाना है। के सी आर ने मुसलमानों को तालीम , मुलाज़िमतों में 12 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात का वादा किया है जिस पर के सी आर से अमल आवरी का मुतालिबा किया जाता है जबकि के सी आर को चाहीए कि वो मुसलमानों को इस ताल्लुक़ से धोके में ना रखें बल्कि तहफ़्फुज़ात का एलान करना चाहीए।
उन्होंने कहा कि राज शेखर रेड्डी के दौर में दिए गए 4 फ़ीसद तहफ़्फुज़ात भी के सी आर की टाल मटोल पालिसी के सबब ख़तरे में पड़ सकते हैं। मौलाना ने सुधीर कमीशन को बेफ़ैज़ बताते हुए कहा कि इस से वक़्त गुज़ारी हो रही है। दूसरी तरफ मर्कज़ी हुकूमत मुस्लमानों को तहफ़्फुज़ात की मुख़ालिफ़ है जबकि मर्कज़ी वज़ीर जेटली मज़हिब के नाम पर तहफ़्फुज़ात पर एतेराज़ कर चुके हैं।
उन्होंने के सी आर से तहफ़्फुज़ात पर वाज़िह पालिसी इख़तियार करने का मुतालिबा किया। मौलाना हाफ़िज़ पीर शब्बीर अहमद ने रियासती हुकूमत से आलेर एनकाउंटर वाक़्ये के हक़ायक़ को पेश करने का मुतालिबा करते हुए कहा कि एनकाउंटर की तहक़ीक़ात के लिए किसी कमीशन की ज़रूरत नहीं। शवाहिद मौजूद हैं तो फिर उस के हक़ायक़ को सामने लाने में रियासती हुकूमत को क्युं पस-ओ-पेश है।
उन्होंने कहा कि सारी दुनिया जानती है कि बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को मन घड़त इल्ज़ामात में पुलिस ने बरसों जेल में डाल कर उन पर मज़ालिम के पहाड़ तोड़े। बरस हा बरस जेल में रखने के बावजूद और कोई जुर्म साबित नहीं हुआ तो उन्हें रिहाई का अदालत की तरफ से दिया जाना मुम्किन हो रहा था , एसे में उनका एनकाउंटर कर दिया गया।
मौलाना ने कहा कि उनका किसी सयासी पार्टी से कोई ताल्लुक़ नहीं है जमिअतुल उलमा कोई चंदा नहीं लेती है। अल्लाह-वालों की जमात है , इस का कोई सियासी मुफ़ाद वाबस्ता नहीं है। ये जमात अल्लाह की ख़ुशनुदी के लिए सरगर्म है।