पटना : सूबे में कोई भी प्राइवेट प्राइमरी स्कूल रियासती हुकूमत की मंजूरी के बिना चलाया जाना गैर कानूनी है। मंजूरी के लिए दस्तूरुल अमल के तहत प्राइमरी स्कूलों को रियासती हुकूमत से रजिस्ट्रेशन कराना लाज़्मी है।
पांच साल से चल रही इसकी अमल के बावजूद अब तक 1341 स्कूलों ने दरख्वास्त तक नहीं दिया है। सर्व शिक्षा मुहिम दफ्तर ने फिलहाल इनमें से 468 स्कूलों की फेहरिस्त तैयार कर उनको नोटिस दी है। नोटिस के बावजूद दरख्वास्त जमा नहीं कराने पर इन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जायेगा। जुर्माना नहीं देने पर स्कूल बंद कराने तक की कार्रवाई की जायेगी।
तालीम महकमा के प्रिन्सिपल सेक्रेटरी ने साल 2011 से लेकर अब तक आधा दर्जन नोटिस निकालकर स्कूलों को रजिस्ट्रेशन की हिदायत दिया, लेकिन इसका कोई असर नहीं पड़ रहा। अमल शुरू होने के बाद अब तक 1649 स्कूलों ने दरख्वास्त दिये, जिनमें से 308 स्कूलों को ही मंजूरी मिली। सर्वशिक्षा मुहिम से मिली जानकारी के मुताबिक बाकी के 1341 स्कूलों को इन्फ्रास्ट्रर पूरा करने के लिए तीन साल का वक़्त दिया गया था।
वह वक़्त भी पूरा हो गया। इसके बाद भी फिर उन स्कूलों को छह माह का वक़्त दिया गया। इसके बाद भी अगर स्कूलों में सुधार नहीं होगा, तो उनको बंद कर दिया जायेगा।
तालीम महकमा ने स्कूलों की सहूलत के लिए वेबसाइट पर ही रजिस्ट्रेशन की सारी जानकारी डाल दी है। स्कूल को इसके लिए महकमा में आने की जरूरत नहीं होगी। वे सीधे महकमा की वेबसाइट पर जाकर दरख्वास्त कर सकते हैं। इसके अलावा इस सिलसिले में जिला तालीम ओहदेदार, जिला प्रोग्राम ओहदेदार ( सर्वशिक्षा अभियान), ब्लॉक तालीम ओहदेदार से भी रब्ता कर सकते हैं।
जिन प्राइवेट स्कूलों ने अब तक रियासती हुकूमत के पास मंजूरी के लिए दरख्वास्त नहीं दिया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। इसके लिए महकमा को जानकारी दे दी गयी है। दरख्वास्त नहीं करनेवाले स्कूलों पर एक लाख तक का जुर्माना लगाया जायेगा। इसके लिए हमने 468 स्कूलों की लिस्ट तैयार कर ली है
राम सागर सिंह, जिला प्रोग्राम ओहदेदार, सर्वशिक्षा अभियान