बिहार के समस्तीपुर में रहने वाला 14 साल का चंदन एक दिन के लिए फाइटर प्लेन पायल बना हैं। चंदन को एयरफोर्स ने ट्रेनिंग देकर को-पायलट बनाया। आपकों बता दें कि चंदन हड्डियों के कैंसर से जूझ रहा है। 20 बार कीमो थैरेपी झेलने के बावजूद इस नन्हीं जान में फाइटर पायलट बनने का हौसला जिंदा है।
बाल दिवस से पहले 11 नवंबर को एयरफोर्स ने उसके हौसलों को उड़ान देते हुए एक दिन का फाइटर पायलट बनाया। जुमेरात के रोज़ उसकी सालगिरह थी । तकरीबन तीन साल पहले बिहार के समस्तीपुर से इलाज के लिए चंदन के वालिदैन उसे दिल्ली एम्स लाए थे। इलाज के दौरान उन्हें कहीं जगह नहीं मिली तो कई रातें सडकों और रैनबसेरों में गुजारीं।
आसमान में उडते हवाई जहाज देख उसके मन में पायलट बनने का ख्वाब जिंदा हो गया। ऐसे में मां ने बेटे की ख्वाहिश का एक खत लिख उसकी ख्वाहिश उदय फाइंडेशन के ज़रिये से एयरफोर्स को बताई। एयर फोर्स ने बिना देर किए चंदन को आफीसर बनाकर बकायदा वर्दी पहनाई। उसे सलामी दी गई और प्लेन में बैठाकर उसका ख्वाब हकीकत में बदल दिया।
जगुआर में बैठ उडान भरने की ट्रेनिंग लेकर चंदन ने अब तक जिस जगुआर फाइटर एयरक्राफ्ट को आसमान में उडाने भरते देखा था, उसमें वह न सिर्फ बैठा बल्कि उडाने की ट्रेनिंग भी लिया। एयरफोर्स ने उसकी हसरत पूरी करते हुए एयरक्राफ्ट के निज़ाम से लेकर उडान की तमाम बारीकियां बताई। इन पलों को उसने अपने सालगिरह का तोहफा बताया। कैंसर से मुतास्सिर चंदन का 13 नवंबर को जन्मदिन था। वहीं, उदय फाउंडेशन के डायरेक्टर राहुल वर्मा को बताया कि चंदन अपनी ख्वाहिश पूरी होने से बेहद खुश है।
उन्होंने बताया कि मैं इस बच्चे से उस वक्त मिला जब हम सर्द रात में जरूरतमंदों को कंबल बांट रहे थे। उससे बातें कीं तो उसने बीमारी से ज्यादा पायलट बनने के बारे में बात की। उसमें गजब का हौसला था। आज भी यह हौसला कायम है। मुझे उम्मीद है वह इस बीमारी से निजात पाएगा। उसकी मां कहती है कि वह हमेशा कहता था कि मैं पायलट बनूंगा लेकिन बीमारी के बाद हम इस बात की उम्मीद पूरी तरह गंवा चुके थे। आज एयरफोर्स ने उसका ख्वाब पूरा कर हमें एक नई उमंग दी है।