2002 गोधरा कांड के बाद हुए दंगों से संबंधित दो मामलों में उत्तर गुजरात के थारा गांव में लूटपाट और आगजनी के आरोपी 31 लोगों को आज जिले के दीसा में एक अदालत ने बरी कर दिया |
सेशन जज एन एम परमार ने ये कहते हुए फ़ैसला सुनाया कि इस मामले में पर्याप्त सुबूत का अभाव है |
28 फरवरी 2002 को गोधरा ट्रेन आगजनी की घटना में 59 लोगों की मौत के एक दिन, बाद थारा में भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद का आह्वान किया था।
इस दौरान हुई हिंसा में गाँव के राजमार्ग पर स्थित 20 दुकानों जलकर राख हो गयीं थीं |
उसी शाम को तीन दर्जन से अधिक मकान को आग लगा दी गई थी लेकिन कोई व्यक्ति नहीं मारा गया था।
पुलिस ने किसी का नाम लिए बिना दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे| लेकिन गुजरात हाईकोर्ट की दुबारा जांच का आदेश दिए जाने के बाद पुलिस ने इन मामलों में 31 और 33 आरोपियों का नाम शामिल किया था |
अधिकांश व्यक्तियों को दोनों ही मामलों में आरोपी बनाया गया था |तीन आरोपियों की सुनवाई के दौरान मौत हो गयी थी जबकि दूसरे ज़मानत पर बाहर थे |