हैदराबाद 01 मार्च: हुकूमत ने मालीयाती साल 2013-14 के लिए अक़लीयती बहबूद का बजट एक हज़ार करोड़ रुपये मुख़तस करने से इतेफ़ाक़ किया है।
इस सिलसिले में आज वज़ीर फाइनेंस उनम राम नारायना रेड्डी ने वज़ीर ए अक़लीयती बहबूद सयद मुहम्मद अहमद उल्लाह, प्रिंसिपल सेक्रेटरी अक़लीयती बहबूद आई रानी कुमोदनी और अक़लीयती इदारों के ज़िम्मेदारों के साथ बजट से मुताल्लिक़ अहम मीटिंग में ये तीक़न दिया। उन्हों ने कहा कि हुकूमत अक़लीयतों की तालीमी, मआशी तरक़्क़ी के सिलसिले में संजीदा है और अगर अक़लीयती इदारे तीसरे सहि माही तक तमाम सकीमात के तहत रक़ूमात ख़र्च करदें तो हुकूमत मज़ीद 100 ता 150 करोड़ रुपये जारी करने पर ग़ौर करसकती है।
इस तरह किरण कुमार रेड्डी हुकूमत ने 2014 आम चुनाव में अक़लीयतों के वोट हासिल करने के लिए बजट में इज़ाफ़ा के ज़रीये उन्हें लुभाने की कोशिशों का आग़ाज़ कर दिया है। वाज़िह रहे कि सदर तेलुगू देशम चन्द्रबाबू नायडू ने हुकूमत में आने पर अक़ल्लीयती बजट को 2500 करोड़ करने का एलान किया था। 2012-13 में अक़ल्लीयती बहबूद का बजट 489 करोड़ था।
अक़लीयती बहबूद के बजट को क़तईयत देने के लिए आज वज़ीर फाइनेंस के पास आला सतही मीटिंग मुनाक़िद हुआ जिस में अक़लीयती इदारों को दरकार बजट और अक़लीयती सकीमात पर अमल आवरी का जायज़ा लिया गया। महिकमा अक़लीयती बहबूद के तहत तमाम इदारों ने मजमूई तौर पर तक़रीबन 1480 करोड़ रुपये की बजट तजावीज़ पेश की थी जिन में से हुकूमत ने 1000 करोड़ रुपये मुख़तस करने से इत्तिफ़ाक़ किया है।
बताया जाता है कि वज़ीर-ए-क़लीयती बहबूद ने बजट में मज़ीद इज़ाफे की ख़ाहिश की जिस पर वज़ीर फाइनेंस ने तीक़न दिया कि आइन्दा साल तीसरे सहि माही तक अगर अक़लीयती बहबूद के इदारे सारा बजट ख़र्च करदेंगे तो हुकूमत मज़ीद 100 ता 150 करोड़ रुपये जारी करसकती है।
ज़ाइद बजट की इजराई अक़ल्लीयती इदारों की बेहतर कारकर्दगी पर मुनहसिर होगी। उन्हों ने अक़लीयती इदारों पर ज़ोर दिया कि वो सकीमात पर अमल आवरी में तेज़ी लाएं और तमाम सकीमात के निशानों की तकमील पर तवज्जा दें। उन्हों ने कहा कि हुकूमत ने अक़ल्लीयतों की तालीमी और मआशी तरक़्क़ी के लिए जो सकीमात शुरू की हैं इस के फ़वाइद हक़ीक़ी मुस्तहक़्क़ीन तक पहुंचने चाहीए। उनम राम नारायना रेड्डी ने बताया कि रियास्ती हुकूमत अक़लीयतों की तालीमी तरक़्क़ी को तर्जीह देती है। उन्हों ने महिकमा अक़लीयती बहबूद से ख़ाहिश की के अक़लीयती तलबा के लिए अक़ामती मदारिस और मज़ीद हॉस्टलस के क़ियाम के इक़दामात करें। उन्हों ने अक़लीयती फाइनेंस कारपोरेशन, उर्दू एकेडेमी, सेंटर फ़ार एजूकेशनल डीवलपमनट फ़ार माईनारीटीज़ के तहत चलने वाली सकीमात के बेहतर नताइज पर इतमीनान का इज़हार किया।
वज़ीर फाइनेंस ने कहा कि जारीया साल 489 करोड़ के बजट में एक सहि माही का बजट अब भी जारी किया जाना बाक़ी है जो कि तक़रीबन 122 करोड़ तक होता है। अगर अक़लीयती इदारों ने बजट की इजराई के सिलसिले में अपनी तजावीज़ महिकमा फाइनेंस को रवाना करदी हैं तो महिकमा फाइनेंस बहुत जल्द बजट जारी करदेगा।
उन्हों ने यक़ीन दिलाया कि आइन्दा मालीयाती साल मर्कज़ी सपानसरड स्कीम के लिए भी ज़ाइद बजट के हुसूल की कोशिश की जाएगी। उनम राम नाराना रेड्डी ने 2013-14 के बजट में रियासत और मर्कज़ की हिस्सेदारी के बारे में तफ़सीलात से ओहदेदारों को वाक़िफ़ किराया। महिकमा अक़लीयती बहबूद ने मजमूई तौर पर 1480 करोड़ रुपये की तजावीज़ हुकूमत को पेश की थी। वज़ीरए अक़लीयती बहबूद अहमद अल्लाह ने वज़ीर फाइनेंस को यक़ीन दिलाया कि इन का महिकमा हुकूमत की तरफ् से मुख़तस किए जाने वाले बजट के मूसिर इस्तेमाल की हर मुम्किन कोशिश करेगा।
उन्हों ने कहा कि तीसरे सहि माही तक सारे बजट को ख़र्च करने की कोशिश की जाएगी। अहमद अल्लाह ने कहा कि अक़लीयतों की तालीमी और मआशी तरक़्क़ी के लिए नई सकीमात और मज़ीद बजट की ज़रूरत है। प्रिंसिपल सेक्रेटरी अक़लीयती बहबूद आई रानी कुमोदनी ने कहा कि इन का महिकमा अक़लीयतों में तालीम, उन की मआशी तरक़्क़ी और इनफ़रास्ट्रक्चर सहूलतों को बेहतर बनाने को तर्जीह दे रहा है। मर्कज़ी हुकूमत ने अक़लीयतों की मुख़्तलिफ़ सकीमात के लिए 100 करोड़ रुपये जारी करने से इतेफ़ाक़ किया है। इस सिलसिले में मर्कज़ी ओहदेदारों से मुशावरत का अमल मुकम्मल होचुका है।उन्हों ने उर्दू एकेडेमी और सी ई डी एम की कारकर्दगी की सताइश की और बताया कि सी ई डी एम के तहत हुकूमत ने तीन नए मराकज़ के क़ियाम की मंज़ूरी दी है जहां अक़लीयती तलबा को मसह बिकती कोर्सेस में ट्रेनिंग दी जाएगी।
चीफ़ एकज़ीकीटो ऑफीसर वक़्फ़ बोर्ड एम ए हमीद ने बताया कि क़ब्रिस्तानों की हिसारबंदी के लिए वक़्फ़ बोर्ड फ़ंडज़ की कमी का शिकार है। ओक़ाफ़ी जायदादों के तहफ़्फ़ुज़ के लिए बोर्ड ने तमाम रिकार्ड को कोम्पुतेर्स करने का अमल शुरू किया है। डायरेक्टर सेक्रेटरी उर्दू एकेडेमी प्रोफ़ैसर एसए शकूर ने कहा कि उन के तहत चलने वाले दो इदारों में अक़लीयतों की तालीमी तरक़्क़ी पर ख़ुसूसी तवज्जा दी जा रही है। उन्हों ने बतायाकि चित्तूर, कड़पा और निज़ामबाद में मसह बिकती इमतिहानात के तीन मराकज़ की मंज़ूरी दी गई है लेकिन ताहाल बजट मंज़ूर नहीं किया गया।
उन्हों ने कहा कि 2012 13 में उर्दू एकेडेमी का बजट 7.40 करोड़ था । उर्दू की तरक़्क़ी और फ़रोग़ से मुताल्लिक़ 15 सकीमात के लिए सिर्फ़ 50 लाख रुपये ही मुख़तस किए गए हैं जो कि नाकाफ़ी हैं। हुकूमत को इस बजट में इज़ाफ़ा करना चाहीए। वज़ीर फाइनेंस ने बजट में इज़ाफे का तीक़न दिया। कमिशनर अक़लीयती बहबूद-ओ-मैनेजिंग डायरेक्टर अक़लीयती फाइनेंस कारपोरेशन एम ए वहीद ने अक़लीयती फाइनेंस कारपोरेशन के तहत स्कालरशिप और फ़ीस बाज़ अदायगी सकीमात पर अमल आवरी की तफ़सीलात बताएं और हुकूमत से ख़ाहिश की के नौ क़ायम शूदा अक़लीयती कमिशनरीयट के लिए आवट सोरसिंग स्टाफ़ की ख़िदमात हासिल करने की इजाज़त दी जाये। उन्हों ने कमिशनरीयट के लिए अलहदा बजट मुख़तस करने का भी मश्वरा दिया ताके कमिशनरीयट बेहतर तौर पर ख़िदमात अंजाम दे सके।
उन्हों ने बताया कि कारपोरेशन के तहत ख़ुद रोज़गार की मुख़्तलिफ़ सकीमात शुरू करने की तजवीज़ है। वज़ीर फाइनेंस उनम राम नारायना रेड्डी ने तमाम इदारों की तजावीज़ की समाअत के बाद कहा कि हुकूमत का मक़सद यही है कि सरकारी सकीमात के फ़वाइद अक़लीयतों तक पहुंचीं और हर मुस्तहिक़ शख़्स को फ़ायदा हो। इस मीटिंग में महिकमा फाइनेंस के आला ओहदेदार भी मौजूद थे।