पटना 18 अप्रैल : निगरानी ब्यूरो की टीम ने पटना में तैनात फूड इंस्पेक्टर डॉ सुरेंद्र कुमार की 15 करोड़ की ज़येदाद पकड़ी है। डॉ कुमार असल में नवादा जिले के बैजदा के रहने वाले हैं। पटना में अशोकनगर (कंकड़बाग) के रोड नंबर-8 में उनका मकान (गीतांजलि भवन) है। उनके खिलाफ निगरानी थाने में आमदनी से ज्यादा मामले में एफआरआई दर्ज की गयी है।
निगरानी की टीम ने डीएसपी महाराज कनिष्क कुमार के क़ेयादत में बुध को अशोकनगर वक़ेय गीतांजलि बिल्डिंग और उसके पास वक़ेय आइटीआइ ट्रेनिंग सेंटर में छापेमारी की। इस दौरान फूड इंस्पेक्टर के रिहायिस से तकरीबन डेढ़ किलो सोना, छह बैंक एकाउंट व दो लॉकर के कागजात बरामद किये गये। इसके साथ ही अहलखाना के नाम पर अशोकनगर के आसपास 38 कट्ठा व राजगीर में कुंड के पास 23 एकड़ जमीन के कागजात भी मिले हैं।
डॉ सुरेंद्र राजगीर में मेडिकल सह डेंटल कॉलेज क़ायम करने के लिए 60 एकड़ जमीन खरीदनेवाले थे। इसके लेन-देन के कागजात भी निगरानी के हाथ लगे हैं। यह जानकारी निगरानी के एसपी परवेज अख्तर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। उन्होंने बताया कि साबिक़ में डॉ सुरेंद्र के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसके बुन्याद पर ताफ्शिस की गयी थी।
निगरानी जराए ने बताया कि 1979 में डॉ सुरेंद्र कुमार एलडीसी में मुक़र्र हुए थे। 1985 में वह ड्रग इंस्पेक्टर बने। फिलहाल वह ड्रग इंस्पेक्टर के ओहदे पर रहते डेजिगनेटेड फूड इंस्पेक्टर हैं।
250 रुपये महाना पर हुई थी बहाली : शुरू के दिनों में सुरेंद्र कुमार का वेतन 250 रुपये महाना थी। 1985 में उन्हें एकमुश्त साल भर का तनख्वा 8145 रुपये मिला था। मौजूदा में 35 हजार रुपये तन्खवा है। पटना में तैनाती के साबिक़ वह भागलपुर में तैनात थे। तब भी उनके खिलाफ निगरानी को शिकायत मिली थी, जिसकी ताफ्सिश की जा रही थी।