15 फरवरी को उस्मानिया यूनीवर्सिटी में तेलंगाना गर्जना प्रोग्राम

हैदराबाद 2 फरवरी (सियासत न्यूज़) उस्मानिया यूनीवर्सिटी तलबा-ए-जवाइंट एक्शन कमेटी ने 15 फरवरी को उस्मानिया यूनीवर्सिटी के अहाता में एक बड़े जल्सा-ए-आम के इनइक़ाद का फैसला किया है । अलहदा तेलंगाना के लिए पार्ल्यमंट में बल की पेशकशी का मुतालिबा करते हुए तेलंगाना तलबा-ए-अपनी ताक़त का मुज़ाहरा करेंगे । जे ए सी के क़ाइदीन ने आज अख़बारी नुमाइंदों से बात चीत करते हुए अपने इस प्रोग्राम का ऐलान किया और कहा कि तेलंगाना से ताल्लुक़ रखने वाले तलबा-ए-लाखों की तादाद में इस जल्सा-ए-आम में शरीक होंगे जिस में मर्कज़ी हुकूमत से मुतालिबा किया जाएगा कि वो तेलंगाना तशकील से मुताल्लिक़ अपने वाअदा पर अमल करें ।

उन्हों ने कहा कि 27 फरवरी को चलो दिल्ली प्रोग्राम मुनज़्ज़म किया जाएगा और इसी दिन नई दिल्ली में जंतर मंत्र पर हज़ारों तेलंगाना तालिब-ए-इल्म धरना मुनज़्ज़म करेंगे । जे ए सी क़ाइदीन ने बताया कि इस प्रोग्राम का मक़सद सीमा आंधरा क़ाइदीन पर वाज़िह करना हैकि तेलंगाना तहरीक कमज़ोर नहीं है। उन्हों ने कहा कि रियासत में बरसर-ए-इक्तदार सीमा आंधरा क़ाइदीन तेलंगाना तहरीक को कमज़ोर करने केलिए तरह तरह की साज़िशें कर रहे हैं । उन्हों ने बताया कि तलबा-ए-और सरकारी मुलाज़मीन पर सैंकड़ों की तादाद में मुक़द्दमात दर्ज किए गए जिन का मक़सद उन्हें हरासाँ करना है । उन्हों ने कहा कि उस्मानिया यूनीवर्सिटी के इलावा तेलंगाना की दूसरी यूनीवर्सिटी के तलबा-ए-भी इस एहतिजाज में हिस्सा लेंगे ।

जे ए सी क़ाइदीन ने कहा कि तेलंगाना में होने वाले ज़िमनी इंतिख़ाबात में कांग्रेस और तेलगु देशम को मुनासिब सबक़ सिखाया जाएगा। तलबा-ए-की जानिब से उन उम्मीदवारों के हक़ में मुहिम चलाई जाएगी जिन्हों ने तेलंगाना के लिए असम्बली की रकनीत को क़ुर्बान कर दिया । उन्हों ने कहा कि ज़िमनी इंतिख़ाबात में सिर्फ उन्ही उम्मीदवारों की कामयाबी होगी जो तेलंगाना तहरीक से वाबस्ता हैं। उन्हों ने तलबा-ए-से अपील की कि वो उस्मानिया यूनीवर्सिटी के जल्सा-ए-आम में भारी तादाद में शरीक होकर अपनी ताक़त का मुज़ाहरा करें। तेलंगाना एम्पलॉयज़ जे ए सी के क़ाइद सिरे निवास गौड़ ने कहा कि तेलंगाना मुलाज़मीन तलबा-ए-के एहतिजाज की मुकम्मल ताईद करते हैं।

उन्हों ने कहा कि हुकूमत की जानिब से मुक़द्दमात से दसतबरदारी के लिए जो तय क़नात दीए गए थे , उन पर आज तक अमल नहीं किया गया। उन्हों ने रियासती हुकूमत से मांग की कि वो अपने वाअदा पर अमल करते हुए सरकारी मुलाज़मीन और तलबा-ए-पर दर्ज किए गए मुक़द्दमात को वापिस ले लें।