योगी सरकार ने ईद मिलादुन्नबी और अलविदा जुमा समेत 15 छुट्टियों को ख़त्म किया

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सत्ता में आने के बाद से ही योगी सरकार पर धर्म और जाति के आधार पर भेदभाव करने के आरोप लगते रहे हैं। इसमें अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई का मामला अहम है।

अब योगी सरकार के एक और कदम ने उनके विरोधियों को आरोप लगाने का एक और मौका दे दिया है। दरअसल सरकार ने 15 सार्वजनिक अवकाशों को रद्द कर दिया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट के मुताबिक सरकार का ये निर्णय कैलेंडर वर्ष 2017 के लिए घोषित सार्वजनिक अवकाशों पर लागू माना जाएगा। रद्द की गई छुट्टियों में अलविदा जुमा, ईद-ए-मिलादुन्नबी और महर्षि वाल्मीकि जयंती भी शामिल हैं।


मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया, ” महापुरुषों के जन्म दिवस के अवसर पर प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थाओं में उनके व्यक्तित्व, कृतित्व एवं प्रेरणा देने वाली सीखों को वर्तमान युवा पीढ़ी में प्रचारित व प्रसारित करने के उद्देश्य से कम से कम एक घंटे की सभा आयोजित की जाएगी।”

जिन छुट्टियों को योगी आदित्यनाथ सरकार ने रद्द किया है उनमें से अधिकांश पूर्वती अखिलेश यादव सरकार ने शुरू किया था। लेकिन अलविदा जुमा और ईद-ए-मिलादुन्नबी का अवकाश मुसलमानों का धार्मिक अवकाश है।

अलविदा जुमा रमज़ान महीने का अखिरी शुक्रवार होता है जिसका अपना धार्मिक महत्व होता है और दूसरा अवकाश ईद-ए-मिलादुन्नबी है जो पैगम्बरे इस्लाम हज़रत मुहम्मद के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है।

ऐसे में योगी सरकार के विरोधियों को इसी बहाने योगी के कार्यो में धार्मिक भेदभाव का आरोप लगाने का एक और अवसर मिल गया है।