16 विपक्षी पार्टियों की राष्ट्रपति और CEC से मांग, जल्दी बजट लाने के लिए बीजेपी पर रोक लगाई जाय

नई दिल्ली: केंद्र सरकार और विपक्ष में अब आम बजट को लेकर तनातनी हो सकती है. दरअसल कांग्रेस समेत 16 बड़ी विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि केंद्र सरकार तय वक्त से पहले बजट लाकर यूपी समेत पांच राज्यों में होने वाले चुनाव में फायदा लेना चाहती है. इससे पहले संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने मंगलवार (3 जनवरी) को फैसला किया था कि बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा और फिर 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश कर देंगे. इसका मतलब साफ है कि इस बार बजट तय समय से लगभग 3 हफ्ते पहले लाया जाएगा. वर्ना लगभग हर बार बजट 28 फरवरी को लाया जाता है.

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जनसत्ता के अनुसार, विपक्षी पार्टियों ने यह पत्र पिछले हफ्ते राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और मुख्य चुनाव आयुक्त को भेजा था. इसमें केंद्र सरकार की मंशा पर सवाल उठाए गए हैं. विपक्षी पार्टियां का मानना है कि सरकार लोगों को रिझाने वाली स्कीम्स लाकर चुनावी फायदा लेना चाहती है. पत्र में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार को जल्दी बजट लाने से रोका जाना चाहिए. पत्र में साल 2012 का भी जिक्र किया गया है. लिखा गया है कि तब भी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव थे लेकिन यूपीए सरकार ने बजट को 16 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया था.
जिन लोगों ने पत्र पर साइन किए हैं उनमें राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, सीपीआई(एम) के सीताराम येचूरी, सपा के राम गोपाल यादव और जेडयू के शरद यादव शामिल हैं. कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जल्दी बजट आने से चुनाव में होने वाले मतदान पर प्रभाव पड़ना तय है.