बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष और राज्यसभा की पूर्व सांसद मायावती को यूपी की दलित राजनीति से बाहर करने की तैयारी शुरू हो चुकी हैं। अपने आपको दलितों का मसीहा कहने वाली मायावती द्वारा पार्टी से निष्काशित किए गए नेताओं ने मोर्चा संभाल लिया है।
किसी जमाने में मायावती के सबसे खास लोगों में शुमार किए जाने वाले नसीमुद्दीन सिद्दकी ने रविवार को प्रदेश के 16 समूहों की बैठक ली, जिसमें से ज्यादातर दलित, मुस्लिम और ओबीसी नेता शामिल हुए।
दिल्ली के कांस्टिट्यूशन क्लब में हुई इस बैठक से देश और प्रदेश की दलित राजनीति में आने वाले दिनों में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। सिद्दकी की तरह मायावती के खास रहे स्वामीप्रसाद मौर्य पहले ही यूपी में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाए जा चुके हैं।
कुरील ने कहा कि मायावती पूरी तरह से एक्सपोज हो चुकी हैं। पिछले कुछ सालों में कई नेता उनकी पार्टी को छोड़ गए हैं, लेकिन ऐसे नेता अभी संगठित नहीं है।