लोक सभा रुकन सोनिया गांधी और राज्यसभा एमपी जया बच्चन ने पार्लियामेंट के गलियारे में हाथ मिलाकर 17 साल पुरानी दुश्मनी को खत्म करने की कोशिश की| मंगल के रोज़ दोनों ऐवान में लंच का ब्रेक होने के दौरान दोनों लीडर एक दूसरे की ओर बढ़े. एक ज़राये ने बताया कि सोनिया ने जया का हाथ पकड़कर पूछा कि आप कैसी हैं?
शुरुआत में जया थोड़ा चौकीं और उन्हे पहले यह समझ में नहीं आया कि वह जवाब कैसे दें| इसके बाद दोनों खातून ने खानदान की बातें की| ज़राये ने बताया कि पार्लियामेंट में बुध के रोज़ अपने दोस्त से मुलाकात का जिक्र करते हुए जया अपने आंसुओं को छिपा नहीं पाईं| वह मुबय्यना तौर पर जज़्बाती हो गई थी, क्योंकि मंगल के रोज़ सोनिया गांधी 17 साल बाद पहली मरतबा उनसे बात की|
टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक , ज़राये के बयान की तस्दीक के लिए जया बच्चन से राबिता नहीं हो पाया|
गौरतलब है कि नेहरू-गांधी खानदान और बच्चन खानदान के बीच 1996-1997 के बीच ताल्लुकात बिगड़ने लगे थे और 1980 के दहा के बीच में बोफोर्स घोटाले के बाद दोनों खानदानो के बीच ताल्लुकात बेहद खराब हो गए थे| इससे पहले दोनों खानदानो के बीच बेहद गहरे ताल्लुकात थे|
यह उस वक्त की बात है जब मुल्क में यूनाइटेड फ्रंट की हुकूमत थी और बच्चन खानदान का झुकाव मुलायम सिंह यादव की ओर होने लगा था| जया आज मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी से राज्यसभा रूकन हैं| हालांकि, अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगा कि इस अचानक हुई मुलाकात के बाद दोनों के बीच सालों पुरानी दुश्मनी खत्म हो जाएगी |
हालांकि, अमिताभ और अजिताभ बच्चन लंबे दिनों से खाहिश रख रहे हैं कि नेहरू-गांधी खानदान के ताल्लुकात में फिर से सुधार जाएं. दोनों खानदानों के बीच 7 दहा तक तीन नस्लों के बीच ताल्लुकात बने रहे थे| साल 1987 में बोफोर्स का इल्ज़ाम लगने के बाद अमिताभ बच्चन ने सियासत से रिटायरमेंट ले लिया था| मुबय्यना तौर पर जया मानती थीं कि अमिताभ बच्चन की शबिया को राजीव गांधी बचा सकते थे|