दारुल हुकूमत में गंगा किनारे दीघा से दीदारगंज के दरमियान गंगा ड्राइव वे की मंसूबा बंदी के लिए तामीर कंपनी जुमा को तय हो गयी है। लंबी कवायद के बाद 1950 करोड़ रुपये के सिविल कास्ट की इस मंसूबा बंदी को नवयुगा इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड ने 1789 करोड़ रुपये की सबसे कम शरह पर कोट कर हासिल कर लिया। रस्ते की तामीर महकमा के सेक्रेटरी प्रत्यय अमृत ने बताया कि दशहरा के आसपास पटना सिटी वाले हिस्से से इस मंसूबा बंदी का काम शुरू होगा। मुअय्ह्दे के मुताबिक चार सालों में इस मंसूबा बंदी को पूरा किया जाना है।
पूरी तरह से इस ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट के लिए जुमा को बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन के कांफ्रेस हाल में फाइनेंसियल बिड को खोला गया। इसमें चार कंपनियों के बीच मुकाबला था। एफकान के बिड को जब खोला गया तो उसने 2200 करोड़ रुपये की दर को कोट किया था, एचसीसी से 2810.68 करोड़ और सिंप्लेक्स ने 2331 करोड़ रुपये रेट डाले। वहीं नवयुगा ने 1789 करोड़ रुपये दर डाला और साथ में 65 फीसद के रिबेट की बात भी कही। इस हिसाब से उसने इस परियोजना के लिए 1777.372 करोड़ रुपये की शरह पर कोट की।