तमिलनाडु की वज़ीर ए आला जयललिता के लिए आज का दिन बेहद अहम है। 18 साल पुराने आमदनी से ज़्यादा दौलत रखने के मामले में आज अदालत का फैसला आ सकता है। यह मामला तमिलनाडु से बाहर बेंगलुरू की एक अदालत में चल रहा है।
जयललिता के हामियों ने यह फैसला रूकवाने की पूरी कोशिश की। जुमे के रोज़ सुप्रीम कोर्ट ने इस बारे में एक मुफाद ए आम्मा की दरखास्त खारिज कर दी। बहरहाल बेंगलुरू की अदालत में फैसले के वक्त जयललिता मौजूद रहेंगी। इसे देखते हुए सेकुरिटी के सख्त इंतेजाम किए गए हैं।
जयललिता पर 1991-96 में पहली बार सीएम बनने के बाद से आमदनी के मालूम ज़राये से 66 करोड रूपये ज़्यादा दौलत इक्ट्ठा करने का इल्ज़ाम है। मामले में कई सियासी और कानूनी उतार-चढाव देखने को मिले। उनकी करीबी साथी शशिकला नटराजन, उनकी रिश्तेदार इलावरासी और उनके भतीजे और जयललिता की तरफ से बेदखल किए जा चुके उनके गोद लिए गए बेटे सुधाकरन और एक दिगर को मामले में मुल्ज़िम बनाया गया है।
खुसूसी जस्टिस जॉन माइकल डीकुन्हा पारापन्ना अग्रहरा जेल अहाते में बनाए गए Temporary Court में फैसला सुनाएंगे। इस मुकाम को पांच सतह की सेक्युरिटी के किले में तब्दील कर दिया गया है। पुलिस ने कहा कि अदालत के नजदीक कर्नाटक रियासत की रिजर्व पुलिस, नगर के आर्म्ड रिजर्व और Rapid reaction force को तैनात किया गया है।
इसके अलावा सैक़डों पुलिस अहलकार सादे कपडे में तैनात हैं। पुलिस ने कहा कि सभी आप्शन को खुला रखते हुए जेल अहाते के अंदर हेलीपैड भी बनाया गया है, ताकि जेड प्लस सेक्युरिटी में चलने वाली जयललिता वहां चाहें, तो हेलिकॉप्टर से उतर सकें।